बड़कागांव : हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में कोयला खनन कर रही कंपनियों के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे दिन बीत रहा है, आंदोलन कर रहे लोगों के साथ नये-नये गांव के भू-रैयत और किसान जुड़ते जा रहे हैं. नौ गांवों के बाद अब पश्चिमी पंचायत में भी भू-रैयत एवं किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.
धरना-प्रदर्शन बड़कागांव के सूर्य मंदिर प्रांगण में चल रहा है. धरना का मुख्य उद्देश्य कोयला खदान के लिए अपनी जमीन देने वालों को उचित मुआवजा, नौकरी एवं इलाके को प्रदूषण से मुक्त करने समेत 5 मांगों को मनवाना है. शशि कुमार मेहता की अगुवाई में चल रहे आंदोलन से धीरे-धीरे गांव के बाद गांव जुड़ते जा रहे हैं.
शशि कुमार मेहता ने बताया कि त्रिवेणी सैनिक कंपनी का मुख्य कार्यालय पश्चिमी पंचायत में स्थित होने के बावजूद यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार नहीं दिया जा रहा. उनके साथ भेदभाव हो रहा है. उन्होंने सवाल किया कि बाहरी लोगों को हटाकर स्थानीय लोगों को नौकरी क्यों नहीं दी जा रही.
वहीं, उप-मुखिया रंजीत मेहता ने कहा कि रैयती जमीन के मूल्य के अनुसार गैरमजरुआ जमीन का मुअवाजा दिया जाये. क्षेत्र में मुफ्त बिजली, शिक्षा, पानी एवं सड़क की व्यवस्था हो. उन्होंने कहा कि कंपनी के द्वारा माइंस का गंदा पानी एवं मल-मूत्र नदी में प्रवाहित किया जा रहा है. इसे अविलंब बंद किया जाये.
शशि कुमार ने बताया कि इससे पहले भी मीडिया के माध्यम से कंपनी को इन सारी बातों के बारे में जानकारी दी गयी थी. लेकिन, कंपनी ने कोई पहल नहीं की. अब सैकड़ों प्रभावित ग्रामीणों ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर धरना शुरू कर दिया है. कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जायेंगी, वे आंदोलन करते रहेंगे.
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Posted By : Mithilesh Jha