Jharkhand news: कोविड-19 के कारण शिक्षकों की जिम्मेवारी बढ़ी है. विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने से लेकर, कंटेंट बनाने, विद्यार्थियों के मोबाइल पर जारी करने सहित विद्यालय की सभी प्रशासनिक कार्यों को समय पर पूरा करने में शिक्षक जुटे हैं. कोरोनाकाल के दौरान बीते चार वर्षों में शिक्षकों की भूमिका क्या रही है. कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षकों ने मिसाल पेश की है. आपदा को मात देकर विद्यार्थियों को शिक्षित करने में जुटे हैं. हजारीबाग जिले के अलग-अलग प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों से ली गयी है उनकी राय.
कटकमदाग प्रखंड उत्क्रमित उवि संलगावां के शिक्षक संजय कुमार कुशवाहा ने कहा है कि वर्तमान समय हजारीबाग में बिजली की समस्या काफी गंभीर है. 24 घंटे में मात्र अनियमित तरीके से आठ घंटे बिजली मिलने से कई विद्यार्थी अपना मोबाइल चार्ज नहीं कर पाते हैं. परिणाम कई विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास से जुड़ नहीं पाते और उनका क्लास छूट जाता है. इससे काफी पीड़ा हो रही है. वहीं, टाटीझरिया उत्क्रमित उवि में गणित एवं विज्ञान के शिक्षक शशि भूषण सिंह ने कहा है कि डिजिटल क्लास से गणित एवं विज्ञान जैसे विषय को पढ़ाने में कई कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी कराई जा रही है.
इचाक प्रखंड कामाख्या नारायण प्लस टू उवि के शिक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूल में अधिकांश गरीब विद्यार्थी पढ़ते हैं. इसमें कई विद्यार्थियों के पास एंड्राइड मोबाइल सेट नहीं है. कई विद्यार्थी के पास सेट तो है, लेकिन उनके पास डाटा पैक भराने के पैसे नहीं है. इससे कई विद्यार्थियों का नियमित क्लास नहीं हुआ है. एक जिम्मेवार शिक्षक होने के नाते पीड़ा होती है. वहीं, बरही प्रखंड विजैया उत्क्रमित प्लस टू उवि विद्यालय में भूगोल के शिक्षक कुलदीप राणा ने कहा है किसी विद्यार्थियों को ऑनलाइन जोड़ने में कठिनाई होती है. किसी का मोबाइल नेटवर्क पकड़ता है, तो किसी को पकड़ने में देरी होने से विद्यार्थी का क्लास छूटता है. सभी विद्यार्थियों को जोड़कर पढ़ाने में अलग आनंद मिलता है.
कटकमसांडी प्रखंड पबरा उत्क्रमित उवि के शिक्षक हेमंत कुमार ने कहा है कि कोविड के बाद देश में लगे लॉकडाउन के कारण अधिकांश विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. स्कूल के विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित नहीं हों. इस जिम्मेवारी को निर्वहन करने में घंटों समय लग रहा है. इससे घर के कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाते हैं. लेकिन खुशी इस बात की है हम विद्यार्थियों को शिक्षित करने में जुटे हैं. वहीं, चुरचू प्रखंड के शिक्षक सुरेश प्रसाद महथा ने कहा है सुदूरवर्ती क्षेत्र को के विद्यार्थियों को मोबाइल ऐप से जोड़ने में समय लगता है. विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं छूटे इसके चलते कड़ी मेहनत कर एक-एक विद्यार्थियों को जोड़ने में कई कठिनाई होती है. सभी कठिनाई को सहन करते हुए विद्यार्थियों को जोड़कर ऑनलाइन कक्षा दी जा रही है. शिक्षक अपने कर्तव्य का पालन करने में जुटे हैं.
दारू प्रखंड दिग्वार उत्क्रमित उवि में हिंदी के शिक्षक डॉ दिनेश्वर कुमार महतो ने कहा है एंड्रॉयड मोबाइल फोन से वंचित विद्यार्थियों की भी पढ़ाई (सिलेबस पूरा करना) कैसे पूरी हो, इसका प्रयास किया गया है. एक विद्यार्थी की भी पढ़ाई छूटे नहीं इसका ख्याल शिक्षक रख रहे हैं. वहीं, पदमा प्रखंड सरैयाडीह उत्क्रमित उवि के शिक्षक प्रेम पासवान ने कहा है ऑनलाइन क्लास करते समय कई बार इंटरनेट की खराब कनेक्टिविटी का सामना करना पड़ा है. वहीं कई बार ऑडियो में दिक्कत हुई है. इन सभी समस्याओं के बावजूद विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरा कराया है.
डाड़ी प्रखंड भुरकुंडा उत्क्रमित उवि हिंदी की शिक्षिका गुलांचो कुमारी ने कहा है कि आपदा को पढ़ाई में बाधक नहीं बनने दिया गया है. कठिन परिस्थिति में भी विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. कई अभिभावकों से मिलकर विद्यार्थियों की शिक्षा को लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया है. वहीं, नगर पालिका क्षेत्र वार्ड नंबर एक मंडई कला उत्क्रमित उवि की प्रधानाध्यापिका अख्तरी खातून ने कहा है कि सभी परेशानियों को नजरअंदाज कर विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है.
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