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टुल्लू पंप हुआ खराब तो पांचवीं पास महेश ने बना डाली देशी जुगाड़ से सिंचाई मशीन, नहीं होती है बिजली जरुरत

हजारीबाग के रहने वाले पांचवीं पास महेश ने देशी जुगाड़ से सिंचाई मशीन बना डाली है. जिसमें न ही किसी इंधन की जरुरत होती है और न ही बिजली की. इसमें साइकिल की मदद से मोटर पंप से पानी निकाला जाता है.

Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग : प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती. मुफलिसी में जीवन बसर करने के बाद भी हजारीबाग के टाटीझरिया स्थित मुरकी गांव निवासी महेश मांझी (60) ने देसी जुगाड़ की बदौलत सिंचाई मशीन बना डाली है. इसमें साइकिल की मदद से मोटर पंप से पानी निकाला जाता है. इंधन या बिजली की आवश्यकता ही नहीं है.

इसके निर्माण में महेश ने बेकार पड़े मोटर पंप का उपयोग किया. साइकिल के पिछले टायर को खोलकर उसमें बेल्ट लगाकर पानी के पंप से कनेक्शन कर सिंचाई की व्यवस्था कर दी. अब उन्हें मोटर पंप से सिंचाई के लिए या घर के अन्य कामों में पानी की जरूरत के लिए बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है.

टुल्लू पंप खराब होने पर आया आइडिया :

इस मशीन को बनाने का आइडिया महेश के दिमाग में तब आया, जब का टुल्लू पंप खराब हो गया. पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है. ऐसे में पैसे और संसाधन की कमी के कारण खेती में परेशानी होने लगी. तब महेश ने अपने इस कमाल के आइडिया से साइकिल वाली सिंचाई मशीन बना डाली. खेत के बगल में ही तालाब है. तालाब में साइकिल वाली सिंचाई मशीन लगाकर पैडल मारा जाता है और पानी खेतों तक पहुंच जाता है.

पांचवीं तक ही की पढ़ाई, पर सोच काफी अलग :

आदिवासी समाज के महेश मांझी पांचवीं कक्षा तक पढ़े हैं, लेकिन इनकी सोच काफी अलग है. महेश मांझी के पुत्र बताते हैं कि हमारे पिता ने इसे बनाया है. उन्होंने हमसे कुछ समान लाने को बोला था और हमने समान लाकर दे दिया. उन्होंने यह मशीन बनायी है. अब हमारे खेत में पटवन हो रहा है. हम लोग आलू, प्याज, टमाटर और बैंगन की खेती कर पा रहे हैं. उनके पुत्र का कहना है कि दूसरे किसान भी इस मशीन के जरिये अपने खेत में पानी पटा सकते हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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