UPSC Civil Services 2020 Results (सलाउद्दीन, हजारीबाग) : सिविल सेवा परीक्षा 2020 में हजारीबाग के उत्कर्ष को IAS बनने की जुनून ने सफलता दिलायी. इस परीक्षा में उसे 55वां रैंक मिला है. मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ उत्कर्ष ने सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे प्रयास में सफलता मिली है. इस सफलता के साथ ही उत्कर्ष ने शिक्षा हब के मानचित्र पर हजारीबाग को फिर चर्चित किया. उत्कर्ष ने कहा कि के नौकरी छोड़ कर UPSC तैयारी का निर्णय कोई छोटा रेस नहीं था, लेकिन मेरी मां सुषमा वर्णवाल और परिवार के अन्य सदस्यों की प्रेरणा से इस साहसिक निर्णय लेने में सफल हुए.
उत्कर्ष ने बताया कि हजारीबाग में पला-बढ़ा, पढ़ाई किया और इंटरव्यू में भी हजारीबाग के बारे में ही सबसे ज्यादा सवाल पूछे गये. प्रश्नों में झारखंड के हजारीबाग में सबसे अधिक खनिज संपदा के बाद भी वहां कल कारखाने क्यों नहीं लगे हैं, क्या आप डीसी बनने पर वहां कल कारखाना लगाएंगे, इसके जवाब में उत्कर्ष ने कहा कि खनिज संपदा हजारीबाग में है, लेकिन आधारभूत संरचनाएं जैसे रेलवे और हवाई मार्ग नहीं रहने के कारण संभवत कल कारखाना नहीं लगा है. साक्षात्कार में हजारीबाग से ही दूसरा सवाल था कि आजादी के पहले मिशनरी संस्थानों ने शिक्षण संस्थान काफी बेहतर हजारीबाग में दिये हैं, ऐसे में अभी ऐसे संस्थान क्यों नहीं बन रहे हैं. उत्कर्ष ने इसके जवाब में कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय समेत कई स्कूल-कॉलेज आजादी के बाद भी हजारीबाग में बने हैं. शिक्षा के क्षेत्र में लगातार हजारीबाग का विकास हो रहा है.
उत्कर्ष ने बताया कि समय देखकर मैं पढ़ाई नहीं करता था. टेक्नोलॉजी का पूरा इस्तेमाल किया. कोई भी नोट्स को टेक्नोलॉजी से हमेशा अपडेट करते रहता था. टेस्ट पेपर की परीक्षा हमेशा दिया. GS की परीक्षा 25 बार और ऑप्शनल पेपर मैथ की परीक्षा 15 बार दिया. इससे मुझे काफी फायदा हुआ.
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उत्कर्ष ने बताया कि बीटेक के बाद कई दोस्त जो UPSC के लिए दिल्ली आये थे. दो-तीन दोस्त मिलकर UPSC की तैयारी में जुटे. इस दौरान एक-दूसरे का काफी सहयोग किया. वहीं, दिल्ली कोचिंग संस्थानों से भी काफी मदद मिला.
उत्कर्ष ने बताया कि डीएवी स्कूल, हजारीबाग के प्राचार्य अशोक कुमार और कोचिंग संस्थान बाजीराव के शिक्षक सात्विक भान हमेशा प्रेरित करते रहे. UPSC परीक्षा जब पहली बार दिया, तो सफल नहीं हुए. मुझे हौसला बढ़ाने में इन दोनों शिक्षकों ने अहम भूमिका निभायी.
मल्टीनेशनल कंपनी को छोड़कर UPSC की तैयारी में जुटा
मल्टीनेशनल कंपनी को छोड़कर UPSC की तरफ आने के बारे में उत्कर्ष ने कहा कि जब मैं बड़ी कंपनी में काम कर रहा था, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने देश और अपने क्षेत्र के बारे में काम करने के लिए जो सोचा था वह यहां पूरा नहीं हो पायेगा. इसके लिए मैंने अपना इरादा बदला और UPSC की तैयारी को माध्यम बनाया. उन्होंने बताया कि सफलता का यह पहला मुकाम है मुझे अपने देश के लिए और भी काम करना है.
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हजारीबाग के गिरजा नगर स्थित सुरेश कॉलोनी के रहनेवाले उत्कर्ष 10वीं की पढ़ाई 2011 में डीएवी स्कूल हजारीबाग से पूरी की. इसके बाद 12वीं की पढ़ाई मुनाम पब्लिक स्कूल महाराजगंज हजारीबाग से किया. वहीं, बीटेक आईआईटी मुंबई से किया. उत्कर्ष के पिता महेश कुमार हजारीबाग के चूरचू प्रखंड में जूनियर इंजीनियर हैं. वहीं, उत्कर्ष का छोटा भाई आयुष बिहार के गया मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई कर रहा है. उत्कर्ष के जीजा IPS अधिकारी किशोर कौशल हजारीबाग स्थित पद्मा पुलिस ट्रेंनिंग सेंटर में पदस्थापित हैं.
उत्कर्ष ने कहा कि IIT मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद 3 साल तक दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी किया. UPSC परीक्षा पहली बार 2019 में दिया. इसमें वह सफल नहीं हुए. दूसरी बार UPSC 2020 परीक्षा में 55वां रैंक हासिल कर सफलता हासिल किया है. उन्होंने कहा कि उत्कर्ष का सपना था आईएएस बनने का
Posted By : Samir Ranjan.