हजारीबाग, आरिफ : उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक सुमनलता टोपनो बलिहार ने कहा है कि सात जुलाई, 2023 को निर्धारित प्रमंडलीय स्थापना समिति की बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित हुआ है. दोबारा बैठक करने को लेकर प्रयास जारी है. वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश के बाद चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, रामगढ़ और हजारीबाग जिले के सभी शिक्षण कार्यालयों में एक जगह तीन वर्ष से अधिक एवं एक जिले में पांच वर्ष से अधिक समय तक जमे लिपिक (महिला/पुरुष) हटेंगे. वहीं, स्थापना समिति में प्राप्त लिपिकों की लंबित समस्या से जुड़े आवेदन एवं अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया जायेगा.
हजारीबाग में जमे हैं 29 कर्मी
प्रमंडलीय स्तर पर एक कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक एवं एक जिले में पांच वर्ष से अधिक जमे लिपिकों की पहचान हुई है. हजारीबाग जिले में 29 लिपिक (महिला/पुरुष) की पहचान हुई है. सबसे अधिक जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) कार्यालय में 17 कर्मीयों को चिह्नित किया गया है. इसमें कुछ पांच, तो कुछ 18 वर्ष से अधिक समय से जिले में जमे हैं.
डीईओ कार्यालय में जमे कर्मी
डीईओ कार्यालय में कार्यरत कुमार परमानंदम 24 अगस्त, 2018 से हजारीबाग जिले में जमे हैं. वहीं, गुलाब साव 23 जुलाई 2019, सुदर्शन प्रसाद केसरी एवं परवेज आलम दोनों 24 अगस्त 2020 से डीईओ कार्यालय में जमें हैं. हजारीबाग के अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी (एसडीओ) कार्यालय में सुरेंद्र प्रसाद 19 जुलाई 2019, रवि शंकर शुक्ला, 12 अगस्त 2020 एवं राजू कुमार 23 जुलाई 2019 से जमे हैं. इधर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण महाविद्यालय (डायट) में कार्यरत अरविंद पाठक एक जगह चार वर्ष से जमे हैं. 19 जुलाई 2020 से डायट में कार्यरत प्रमिला कुमारी तीन जुलाई 2013 से हजारीबाग जिले में 11 वर्षों से जमीं हैं. जिला स्कूल में नवीन कुमार 21 अगस्त 2021 एवं गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल में दिनेश लोहिया 29 जुलाई 2019 से जमे हैं.
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19 साल से हजारीबाग में जमी है निशा कुमारी
क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी (एरिया ऑफिस) में मोजिबुद्दीन 13 अक्टूबर, 2020 से जमे हैं. डीएसई कार्यालय में रेनू देवी 21 जनवरी 2017, ओंकार नाथ राय 21 अगस्त 2020, जुएल बारला 24 अगस्त 2020, प्रदीप प्रसाद एक अगस्त 2019, सत्येंद्र उपाध्याय 20 जुलाई 2019, साधु शरण सिंह 20 अक्टूबर 2020, मुजाहिद आलम नौ अगस्त 2019, राजेश हरी दो अगस्त 2020, शशि भूषण नाग आठ अक्टूबर 2020, आदित्य कुमार 13 जुलाई 2019, राजू कुशवाहा एवं सतीश कुमार सिंह दोनों आठ अगस्त 2019, जे.जयदीप मरांडी 21 अगस्त 2020, वसीउल्लाह 20 अगस्त 2020, अनिल कुमार 19 अगस्त 2020, बसंती कुमारी एक जून 2018 एवं निशि कुमारी 11 जुलाई 2017 से जमीं हैं. निशा कुमारी की पोस्टिंग 16 दिसंबर, 2002 को चतरा जिले के क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में हुई थी. दो वर्ष बाद 22 जुलाई, 2004 को हजारीबाग जिला में स्थानांतरण हुआ. तब से अब-तक लगभग 19 वर्षों से निशा हजारीबाग जिले में जमीं हैं.
28 वर्षों से 13 महिला लिपिक का स्थानांतरण नहीं हुआ
प्रमंडलीय स्तर पर (एक से दूसरे जिले में) 28 वर्षों से 13 महिला लिपिक का स्थानांतरण नहीं हुआ हैं. वहीं, इस लंबी अवधि में वर्ष 2016 से अब-तक पुरुष कर्मी (लिपिक) का अलग-अलग समय में लगभग छह बार प्रमंडलीय स्तर पर स्थानांतरण हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर 1995 के बाद से महिला (लिपिक) का प्रमंडलीय स्तर पर स्थानांतरण नहीं हुआ है. वहीं, पुरुष (लिपिक) का दिसंबर 2016 में पहला स्थानांतरण हुआ. इसमें तत्कालीन धनबाद डीसी की अनुशंसा थी. इसी वर्ष धनबाद में तीन लिपिक (पुरुष) को घूस लेते निगरानी विभाग ने पकड़ा था. दूसरी बार जुलाई 2017 में मुख्यमंत्री जनसंवाद से मिले निर्देश पर पुरुष (लिपिक) का स्थानांतरण किया गया. फिर एक-एक वर्ष के अंतराल में 2021 तक चार बार स्थानांतरण हुआ है. इसमें छह जुलाई 2018 को निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक 1935्, 21 जून 2019 निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक 1750, 26 जून 2020 विशेष सचिव सह निदेशक माध्यमिक शिक्षा की बैठक की कार्रवाई ज्ञापांक 146 एवं इसी पत्र के आलोक में प्राप्त आवेदन पर वर्ष 2021 में पुरुष (लिपिक) का स्थानांतरण प्रमंडलीय स्तर पर हुआ है.
अनुकंपा पर बहाल लिपिक
प्रमंडलीय स्तर पर पुरुष वर्ग में हजारीबाग में 45, रामगढ़ में 10, गिरिडीह में 39, बोकारो में नौ, धनबाद में 44, चतरा में आठ एवं कोडरमा में पांच लिपिक कार्यरत हैं. वहीं, कार्यरत महिला लिपिकों की संख्या 13 है. सभी अनुकंपा पर बहाल हैं. इसमें सबसे अधिक हजारीबाग में छह, रामगढ़ में दो, गिरिडीह व बोकारो में एक-एक एवं धनबाद में तीन महिला लिपिक शामिल है. प्रमंडलीय स्तर पर सात-सात मिलाकर 14 डीईओ, डीएसइ कार्यालय है. वहीं जिला स्तर पर अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षण प्रशिक्षण शिक्षक महाविद्यालय,(डायट), क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, डीआईएस (जिला विद्यालय निरीक्षका), विद्यालय उपनिरीक्षका एवं राजकीय स्कूल जैसे जगहों पर लिपिक कार्यरत हैं.
तीन से पांच साल तक कार्यरत रहने का प्रावधान : डीईओ
इस संबंध में डीईओ, हजारीबाग उपेंद्र नारायण न कहा कि लिपिक वर्ग के लिए नियम अनुसार एक कार्यालय में तीन वर्ष एवं एक जिले में पांच वर्ष तक कार्यरत रहने का प्रावधान है. इसके बावजूद कई वर्षों से जमे हैं. विभाग ने इन कर्मियों को चिह्नित किया है.