Dahi khane ke fayde aur nuksan, Curd benefits & side effects, Health News : सर्दियों का मौसम (Winter Season) आने वाला है. ऐसे में कुछ स्वादिष्ट भोजनों को आपको इस दौरान छोड़ना भी पड़ता होगा. उन्हीं में से एक दही (Curd) भी है. दरअसल, कई लोगों की ये अवधारना है कि ठंड में दही (curd in winter season) शरीर के लिए नुकसानदायक (side effects of dahi) होता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके कुछ हेल्थ बेनिफिट्स (10 impressive benefits of curd), इसे खाने का सही तरीका (How much curd should be eaten daily) और इससे जुड़ी कुछ सच और झूठ के बारे में (What happens if I eat curd everyday)..
आइये जानते हैं कि हमारे गर्मियों के पसंदीदा दही को आखिर सर्दियों में क्यों छोड़ने की सलाह दी जाती है. आमतौर पर माना जाता है कि सर्दियों के दौरान दही से परहेज करना चाहिए. इससे सर्दी, गले में खराश, सामान्य फ्लू समेत अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. लेकिन क्या यह सच है?
दरअसल, दही में अच्छे बैक्टीरिया पाये जाते है. जिसे प्रोबॉयोटेक (probiotics benefits) भी कहा जाता है. इसमें विटामिन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम समेत अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों के दौरान दही से बचना चाहिए क्योंकि यह आपकी ग्रंथियों से रक्त प्रवाह को बढ़ाता है. जिससे बलगम का स्राव भी बढ़ जाता है. जिससे अस्थमा, साइनस या सर्दी और खांसी जैसे श्वसन संबंधी समस्याओं वाले मरीजों के लिए समस्या उत्पन्न हो जाती है. यही कारण है कि आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो सर्दियों के दौरान, खासकर रात के समय तो दही का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.
विज्ञान की मानें तो दही में बहुत सारे अच्छे बैक्टीरिया पाये जाते हैं. जो हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, अच्छे बैक्टीरिया को प्रोबॉयोटेक भी कहा जाता है. ऐसे भोजन शरीर में जाकर प्रतिरक्षा को बूस्ट करने का काम करते हैं. साथ ही साथ बुरे बैक्टीरिया से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं.
यह कैल्शियम, विटामिन बी 12 और फास्फोरस से समृद्ध होता है. जो सर्दियों के दिनों में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है. हालांकि, इस बारे में विज्ञान का भी मानना है कि श्वसन संबंधी समस्या वाले लोगों को शाम 5 बजे के बाद इसका सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि यह शरीर में बलगम पैदा कर सकता है. एलर्जी और अस्थमा से पीड़ित लोग इस दौरान दही का सेवन भूल कर भी न करें.
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ का मानना है कि दही विटामिन सी से भरपूर होता है. जो ठंड से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होत है. लेकिन, उसके लिए दही को रखने का सही तरीका मालूम होना चाहिए. दही को कमरे के नार्मल तापमान पर रख कर खाना ठंड में सही है. फ्रिज या अन्य किसी ठंड स्थान पर रखकर खाने से अस्थमा जैसे मरीजों को समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
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– सर्दियों के मौसम में दही खा सकते हैं, लेकिन नार्मल तापमान में रखकर.
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– फ्रिज में रखे दही ठंड और फ्लू से पीड़ित लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है,
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– वहीं, अस्थमा से पीड़ित लोगों में सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
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रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी (dahi for immunity) : दही में मौजूद विटामिन सी की मात्रा हमारे इम्यूनिटी को मजबूत बनाती हैं.
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वजन कम करने में सहायक (dahi for weight loss) : इसमें मौजूद कैल्शियम की मात्रा शरीर का वजन बढ़ने नहीं देता.
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ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया में लाभदायक (is dahi good for arthritis) : कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा दही में पायी जाती है जो ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसे रोगों को दूर करने में सहायक हैं.
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दिल को रखे स्वस्थ (dahi for heart patient) : वसा मुक्त दही रक्त में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है. जिससे ब्लड प्रेशर सहित हृदय रोग जैसी समस्याएं नहीं उत्पन्न हो पाती हैं.
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बालों के लिए जरूरी (dahi for hair) : दही से बाल धोने से रूसी की समस्या दूर होती है और चमकदार घने, लंबे मुलायम बाल मिलते हैं.
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ऊर्जावान बनाने में कारगार (dahi for energy) : दही का शरबत शरीर को हाइड्रेटेड करके ताजगी से भरपूर और हमें ऊर्जावान बनाता है.
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दांत रखें मजबूत (dahi for teeth) : इसमें मौजूद कैल्शियम की मात्रा हमारे दांतों को स्वस्थ बनाता है.
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मुंह के छालों से दिलाये राहत (dahi for mouth ulcer) : दही की मलाई को मुंह के छालों में लगाने से राहत मिलता है.
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तनाव कम करने में सहायक (dahi for mental health) : मस्तिष्क को यह आराम पहुंचाता है जिससे तनाव कम होती है.
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लू से दिलाये राहत (dahi for loo) : जीरे का पाउडर और तोड़ा सा काला नमक दही के साथ मिला कर पीने से लू से राहत मिल सकती है.
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सनबर्न से करें बचाव (dahi sunburn) : गर्मियों में स्कीन पर इसे लगाने से सनबर्न में राहत देता है दही.
Note : उपरोक्त जानकारियां अंग्रेजी वेबसाइट टओआई में छपी रिपोर्ट के आधार पर है. कोई भी दवा छोड़ने या अपनाने से पहले इस मामले के जानकार डॉक्टर या डाइटीशियन से जरूर सलाह ले लें.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.