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World Population Day : और बढ़ा लॉकडाउन तो आधी-आबादी के सामने होंगी ये चुनौतियां, बढ़ सकती है महिला हिंसा के 31 मिलियन मामले

कोरोना संकट (Corona crisis) ने हर वर्ग के लोगों, समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं पर भारी असर डाला है. आज हर वर्ष कि तरह विश्व जनसंख्या दिवस (World population day 2020) मनाया जा रहा है. ऐसे में आपको बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया की आधी-आबादी पर बहुत बुरा असर डाला है. इसके कारण गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं हो, लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बढ़ने वाली घरेलू हिंसा (Domestic violence) हो या अन्य, सभी प्रभावित हुई हैं.

कोरोना संकट (Corona crisis) ने हर वर्ग के लोगों, समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं पर भारी असर डाला है. आज हर वर्ष कि तरह विश्व जनसंख्या दिवस (World population day 2020) मनाया जा रहा है. ऐसे में आपको बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया की आधी-आबादी पर बहुत बुरा असर डाला है. इसके कारण गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं हो, लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बढ़ने वाली घरेलू हिंसा (Domestic violence) हो या अन्य, सभी प्रभावित हुई हैं.

दरअसल, जैसे-जैसे देश-दुनिया में लॉकडाउन बढ़ रहा है. महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं (women health services) के लिए खासा संघर्ष करना पड़ रहा है. अभी तक सामने आए मामलों से यही पता चला है कि पूरे लॉकडाउन के दौरान यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज किया गया है. यही नहीं महिलाओं पर होने वाले घरेलू हिंसा में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है.

महिला हिंसा में इजाफा

हाल ही में यूएनएफपीए द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि अगर आगे भी 6 महीने तक लॉकडाउन जारी रहता है, तो निम्न और मध्यम आय वाले देशों की 47 मिलियन महिलाएं आधुनिक गर्भ निरोधकों से वंचित रह जायेंगी. जिसके परिणामस्वरूप 7 मिलियन अनपेक्षित गर्भधारण हो सकता है. जिससे भविष्य में महिला हिंसा संबंधी 31 मिलियन अतिरिक्त मामले भी बढ़ सकते है.

बाल विवाह में बढ़ोत्तरी की संभावना

यूएनएफपीए के अनुसार संगठन द्वारा ग्राउंड लेवल पर चलाए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में भी भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है. जिससे वर्ष 2020-2030 तक के बीच 13 मिलियन बाल विवाह भी होने की संभावना है.

महिलाओं के प्रति असमानता बढ़ने की संभावना

शोध के अनुसार कोविड-19 के कारण एक बार फिर समाज में महिलाओं के प्रति असमानता बढ़ने की संभावना है. जैसा कि ज्ञात हो पिछले कुछ दशकों में भारत समेत दुनियाभर में महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार दिलवाने के लिए कई अभियान चले हैं. जिसके परिणामस्वरूप देशभर में करीब हर सेक्टर में महिलाएं कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रही है. शोध के अनुसार इसपर खासा असर पड़ सकता है.

बुजूर्ग महिलाओं के देखभाल की चिंता बढ़ने की संभावना

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund) के रिर्पोट के अनुसार, आमतौर पर कई गरीब महिलाएं असुरक्षित रूप से मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करती हैं. कोरोना काल से बढ़ने वाली बेरोजगारी और आर्थिक संकट से इन्हें बहुत कठिनाई होने वाली है. वृद्ध लोगों की बढ़ती जरूरतों के कारण भी हिंसा में वृद्धि हो सकती है.

बच्चियों की शिक्षा व्यवस्था पर असर

इसके अलावा इस महामारी ने शिक्षा व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया है. ऐसे में स्कूल नहीं खुलने से बच्चियों की शिक्षा पर भी काफी असर पड़ सकता है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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