डेंगू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. हाल में जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस वर्ष डेंगू के अब तक 1.20 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़ा 2017 के बाद सबसे ज्यादा है. इस बीमारी ने उत्तर प्रदेश व दिल्ली समेत कई राज्यों में पिछले पांच वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ऐसे में डेंगू बुखार के लक्षणों को पहचानने की समझ, इलाज के लिए सही वक्त पर उठाया गया कदम और इससे बचाव के तरीकों को जानना बेहद आवश्यक है.
वैश्विक स्तर पर भारत में डेंगू के सबसे अधिक मामले देखने को मिलते हैं.
अफ्रीका, अमेरिका, एशिया के 100 से ज्यादा देशों में इस स्थानिक बीमारी का खतरा है.
3.9 अरब लोग डेंगू संक्रमण के जोखिम में हैं.
40 करोड़ लोग तक हर साल डेंगू से संक्रमित होते हैं , जिनमें से लगभग 40 हजार लोगों की चली जाती है जान.
400 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं, जहां डेंगू होने का सबसे ज्यादा खतरा है.
(डब्ल्यूएचओ के अनुसार)
ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आना
मुंह का स्वाद बिगड़ जाना
गले में हल्का दर्द होना
सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
दुखी और बीमार जैसा महसूस होना
शरीर पर लाल रैश होना
आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना
भूख न लगना और जी मिचलाना
तीन तरह का है यह बुखार
क्लासिकल यानी साधारण डेंगू बुखार
डेंगू हैमरेजिक बुखार
डेंगू शॉक सिंड्रोम
डेंगू के बुखार का कोई विशिष्ट उपचार तब तक नहीं है. हां, मगर इस बीमारी में राहत पाने के लिए कुछ तरीकों को अपनाने की सलाह दी जाती है –
डेंगू का बुखार मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर धारियां होती हैं. ये मच्छर डेंगू संक्रमण के लिए वाहक का काम करते हैं.
एडीज इजिप्टी मच्छर डेंगू संक्रमित व्यक्ति को काटता है.
संक्रमित व्यक्ति के रक्त से डेंगू वायरस को मच्छर चूस लेता है. मच्छर के शरीर में डेंगू को इनक्यूबेट करने में 8-10 दिन लगते हैं.
इसके बाद जब वह मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है, तो डेंगू के वायरस उसके शरीर में पहुंच जाते हैं.
नये व्यक्ति के शरीर में डेंगू वायरस पहुंचने के 4 से 13 दिनों के अंतराल में उसे डेंगू बुखार हो जाता है.
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
घर के अंदर या आसपास पानी न जमा होने दें.
गमलों व कूलर में भी पानी न भरा रहने दें.
कूलर को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें.
ऐसे कपड़े पहनें, जिनसे शरीर ढका रहे.
समय-समय पर मच्छर मारनेवाली दवा का छिड़काव करें.
डेंगू होने पर डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं.
ब्लड काउंट बढ़ाने के लिए पपीते के पत्तों के रस का सेवन करें.
फोलेट, विटामिन-बी12, विटामिन-सी, विटामिन-डी और विटामिन-के से भरपूर चीजें प्लेटलेट काउंट को बढ़ा सकती हैं.
बुखार कम न होने उचित आराम के साथ केवल पेरासिटामोल (डॉक्टर के निर्देशानुसार) लें.
नोट : डेंगवैक्सिया पहला वैक्सीन है, जिसे डब्ल्यूएचओ ने डेंगू को रोकने के लिए स्वीकृत किया गया है.
पूर्ण रक्त गणना : इस परीक्षण से शरीर में प्लेटलेट काउंट व डेंगू की गंभीरता का पता लगाया जाता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 1.5 से 4 लाख के बीच होता है, जबकि डेंगू मरीज का प्लेटलेट काउंट 1.5 लाख से नीचे गिर सकता है.
डेंगू एनएस1 एजी के लिए एलिसा टेस्ट : इस ब्लड टेस्ट के जरिये डेंगू वायरस एंटिजेन का पता लगाया जाता है.
पीसीआर टेस्ट : यह टेस्ट संक्रमण के पहले 7 दिनों में अधिक प्रभावी हो सकता है, जब एनएस1 एजी टेस्ट का रिजल्ट संक्रमण होने के बावजूद भी नेगेटिव आता है.
सीरम आइजीजी और आइजीएम टेस्ट : यह टेस्ट डेंगू से संक्रमित होने के बाद की अवस्था और स्थिति को जानने के लिए किया जाता है.
Posted by: Pritish Sahay
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.