कोरोना वायरस के कारण देश-दुनिया प्रभावित है. चीन से निकला यह वायरस इटली, स्पेन को बर्बाद करते हुए भारत और अमेरिका में भी पांव पसार लिया है. प्रतिदिन यहां मौत आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हो रही है. इन सब के बीच के एक और बुरी खबर वैसे देश से आ रही है, जिसकी दुहाई बाकि देश देते हुए यह बता रहे थे कि किस तरह यहां कोरोना को कंट्रोल किया गया.
जी हां! आपने ठीक समझा, हम बात कर रहे हैं साउथ कोरिया की. दरअसल, आपने यह खबर सुना होगी कि जैसे ही कोरोना का मामला इस देश में सामने आया, वैसे ही बड़ी संख्या में लोगों की जांच कर इस देश ने वायरस के संक्रमण को कंट्रोल कर लिया.
आपको बता दें कि यह देश प्रतिदिन 3.5 लाख किट का निर्माण कर रहा है और आठ से ज्यादा देशों में इसका निर्यात भी करता है. हालांकि, अब इस देश से एक नयी खबर आयी है. जो बेहद खतरनाक है और गंभीरता से शोध का विषय है.
दरअसल, यहां कई संक्रमित मरीजों को इलाज करके वापस भेज दिया गया था, लेकिन बुरी खबर यह है कि 51 बिल्कुल ठीक हो चुके मरीजों में वापस कोरोना का वायरस मिला है.
डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक, कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गये कुछ मरीजों को साउथ कोरिया के डैगु में क्वारनटीन किया गया था. और पूरी तरह से जांच के बाद उनका टेस्ट निगेटिव आ गया था. लेकिन, कुछ दिनों बाद उनमें दोबारा कोरोना का वायरस मौजूद पाया गया. ऐसे कुल 51 मरीज हैं जो पूरी तरह से ठीक होने के बाद पॉजिटिव पाये गए है. अब इससे उन देशों की चिंता बढ़ गई है, जो साउथ कोरिया को रोल मॉडल की तरह ले रहे थे और उनके दिशा-निदेर्शों या स्वास्थ्य करने के तरीकों को फॉलो कर रहे थे.
साउथ कोरिया के स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोरोना वायरस मरीजों के सेल्स के अंदर जाकर छिप जाता है. कुछ दिनों तक दवा के प्रभाव से लक्षण नॉर्मल हो जाते हैं. लेकिन, बाद में शरीर में फिर से पनपने लगता हैं.
वहीं, ब्रिटेन के ईस्ट एन्गलिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वॉल हंटर ककी मानें तो ऐसा संभव नहीं है. साउथ कोरिया से कोई गलती जरूर हुई होगी. स्वास्थ्य विभाग की रिर्पोट गलती से निगेटिव आ गई होगी. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि वायरस दोबारा एक्टिव हुआ होगा.