7 amazing benefits of giloy, giloy ke fayde aur nuksan कोरोना के कहर के बीच पूरी दुनिया आज स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है. ऐसे में आयुर्वेद के कुछ लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती है. इसी में से एक है गिलोय. दरअसल, गिलोय अधिकांश स्वास्थ्य समस्याओं का रामबाण ईलाज है. आयुर्वेद में इसे अमृत के समान माना गया है. बड़ी बात यह है कि पूरे भारत में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.
गिलोय के पत्तों के अलावा इसके इसके पूरे पौधे औषधीय गुणों से भरपूर है. आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो इसके जड़ के अद्भूत स्वास्थ्य लाभ है. ऐसे में आइये जानते हैं इसके कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में…
इसकी जड़ी बूटी में एंटीऑक्सिडेंट गुण पाऐ जाते हैं. यह हमारे शरीर से विषैले तत्वों को मल, मूत्र के जरिये निकालने में मदद करता है. साथ ही साथ रक्त को साफ करके यह हमें लीवर संबंधी समस्याओं से भी बचाता है. इतना ही नहीं गिलोय हमारे यूरिन इंफेक्शन संबंधी समस्याओं को भी समाप्त करने में मददगार है. यह आम बुखार के साथ-साथ डेंगू के उपचार में भी मददगार है. इसके अलावा यह हमारे इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी मददगार है.
गिलोय हमारे रक्त में ग्लूकोज लेवल को सही करता है. मधुमेह के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद माना गया है. यह शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और प्राकृतिक इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है. जर्नल साइंस ऑफ लाइफ के जर्नल में प्रकाशित एक शोध की मानें तो गिलोय जिगर में मधुमेह से प्रेरित ऑक्सीडेटिव तनाव को समाप्त कर देता है
इस जड़ीबूटी में पाए जाने वाले औषधीय गुण हमारे श्वसन संबंधी समस्याओं के उपचार में भी लाभदायक है. इसके अलावा यह संक्रामक रोगों को भी दूर करता है. यह लगातार हो रही खांसी, सर्दी, टॉन्सिलिटिस, बुखार आदि से लड़ने में मददगार है.
इतना ही नहीं ठंड और खांसी के अलावा, यह दमा के रोगियों को भी राहत दे सकता है. जबकि छाती में जकड़न, सांस की तकलीफ, खांसी में हो रही घरघराहट जैसे लक्षण के रोगियों के उपचार में भी यह लाभदायक है.
आपको बता दें कि गिलोय का उपयोग एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी के रूप में किया जा सकता है. दरअसल, एडाप्टोजेन मूल रूप से एक पदार्थ है जो हमारे शरीर को तनाव से मुक्ति दिलाने में मदद करता है. गिलोय टॉनिक की तरह प्रतिदिन लिया जा सकता है. अंग्रेजी वेबसाइट हेल्थशॉट के मुताबिक यह हमारे शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है. इसके अलावा हमारी याददाश्त को बढ़ाने में गिलोय काफी मददगार है. यह तनाव दूर करके हमें शांत और सहज करता है.
अंग्रेजी वेबसाइट हेल्थ शॉट के मुताबिक जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार ने डायबिटिक चूहों में जब गिलोय के जड़ों से अध्ययन किया, तो पता चला कि यह डायबिटिक चूहों में सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर में काफी कमी आई है. वहीं, एक और अध्ययन में पाया गया कि गिलोय लिपिड मेटाबोलेजिम को भी सामान्य कर सकता है. जिसका सीधा लाभ हमारे दिल को होता है.
यूरोपीय मेनोपॉज और एंड्रोपॉज़ सोसाइटी की आधिकारिक पत्रिका मटुरिटस में प्रकाशित एक शोध की मानें तो गिलोय के जड़ से ऑस्टियोप्रोटेक्टिव प्रभाव हो सकता है. अत: ऑस्टियोपोरोसिस को शुरूआत में गिलोय के सेवन से रोका जा सकता है.
कई अध्ययनों में पता चला है कि गिलोय का जूस हमारे पाचन संबंधी समस्यों में काफी लाभकारी है. नियमित रूप से आधा ग्राम गिलोय पाउडर को आंवले के साथ लेने से यह कब्ज संबंधी समस्याओं को छूमंतर करता है.
नोट: हालांकि, इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते है, फिर भी इसका नियमित प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श ले लें.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.