बार- बार हो रही है Acidity की समस्या, अपनायें ये उपाय, तुरंत मिलेगी राहत

आजकल ज्यादातर लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है. एसिडिटी के कारण पेट में जलन होना, खट्टी डकार आना, गला जलना जैसी समस्या होने लगती है. आज हम इस आर्टिकल में एसिडिटी होने के पीछे के कारण व इससे निजात पाने के उपायों के बारें में आपको बताएंगे.

By Shradha Chhetry | July 21, 2023 1:24 PM

आजकल जिस तरह से हमारे खानपान व जीवनशैली में बदलाव हो रह है. इससे हमारे स्वास्थ पर गहरा असर पड़ता जा रहा है. खासकर, पेट की समस्या से लोग ज्यादा पीड़ित होने लगे है. पेट से जुड़ी परेशानी में एसिडिटी होना आम बात है. लेकिन यही एसिडिटी अगर बार-बार होने लगे तो यह आम बात नहीं हो सकती हैं. आज कल ज्यादातर लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है. एसिडिटी के कारण पेट में जलन होना, खट्टी डकार आना, गला जलना जैसी समस्या होने लगती है. आज हम इस आर्टिकल में एसिडिटी होने के पीछे के कारण व इससे निजात पाने के उपायों के बारें में आपको बताएंगे.

कैसे होती है एसिडिटी

हम जो खाना खाते हैं वह अन्नप्रणाली से होते हुए पेट में चला जाता है. पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड बनाती हैं जो खाने को पचाने और किसी भी रोगाणु को मारने के लिए जरूरी है. एसिडिटी तब होती है जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां बड़ी मात्रा में एसिड का उत्पादन करती हैं, जो पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरत से ज्यादा होता है. इस स्थिति में पेट के ठीक ऊपर जलन होने लगती है.

अनियमित खान-पान, अव्यवस्थित रहन-सहन जैसी चीजें एसिडिटी को बढ़ाने में मुख्य रोल निभाती है. इसके अलावा

  • खाना खाने के तुरंत बाद सो जाना

  • लंबे समय तक भूखे रहना

  • समय पर खाना न खाना

  • ज्यादा मसालेदार खाने का सेवन करना

  • नींद की कमी होना

  • ज्यादा तनाव लेना

क्या है एसिडिटी के लक्षण

वैसे तो एसिडिटी का मूल लक्षण पेट में गैस पैदा होना होता है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं जो कुछ इस प्रकार है.

  • सीने में जलन जो खाना खाने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है.

  • खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाना भी गले तक आ जाता है.

  • अत्यधिक डकार आना और मुंह का स्वाद कड़वा होना

  • पेट फूलना

  • गले में घरघराहट होना

  • सांस लेते समय बदबू आना

  • सिर और पेट में दर्द

  • बैचेनी होना और हिचकी आना

हम अपने खान-पान में बदलाव कर व कुछ उपायों को अपनाकर एसिडिटी की समस्या से निजात पा सकते है.

नींबू पानी देगा फायदा

नींबू पानी शरीर के इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह एसिडिटी होने पर पेट को बहुत आराम दिलाता है. नींबू में विटामिन सी और एसकॉरबिक एसिड पाये जाते हैं, जिससे पेट ठीक रहता है. साथ ही, पेट को इन्फेक्शन्स से भी बचाता है.

पुदीना का सेवन करें

पुदीना की तासीर ठंडी होती है. ये छाती को ठंडक प्रदान करती है. जिससे छाती की जलन कम हो जाती है और एसिडिटी से राहत मिलती है. अगर आपको बार-बार एसिडिटी की समस्या होती है तो आप खाना खाने के बाद पुदीना की दो पत्तियां जरूर चबाएं. इससे आपको ठंडक भी मिलेगी और खाना पचाने में भी आसानी होगी.

दही

एसिडिटी की समस्या को रोकने के लिए दही काफी कारगर साबित हो सकता है. दही पेट में बन्ने वाले एसिड को रोकने का काम करता है. जिससे पेट की जलन कम हो जाती है. ऐसे में आप अपने खाने में एक कटोरी दही जरूर शामिल करें.

सौंफ पानी

दही और पुदीने की तरह सौंफ भी पेट को ठंडा रखने में मदद करता है. खाना खाने के कुछ समय बाद सौंफ खाने से एसिडिटी में राहत मिलती है. सौंफ को सीधे चबाकर या इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं. सौंफ में एंटी अल्सर गुण पाए जाते हैं. यह न केवल पाचन में सुधार करती है बल्कि कब्ज से निपटने के लिए भी बहुत फायदेमंद है.

जीरा पानी

जीरा में सेहत को लाभ पहुंचाने वाले कई गुण पाये जाते है. इसे एसिड रिफ्लक्स और गैस में काफी फायदेमंद माना गया है. इसके लिये एक चम्‍मच जीरा को 10 से 15 मिनट के लिए दो कप पानी में उबाल लें. जब जीरा पानी में घुल जाए तो उसे पानी को ठंडा कर लें. इस पानी को छानकर दिन में तीन बार खाना खाने के बाद पी लें. इससे गैस की समस्या से निजात मिलेगा.

केले का सेवन

केला पेट के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. केले में पोटेशियम, ज्यादा पीएच और कई सारे एंजाइम्स होते हैं.  इसका सेवन करने से जलन, गैस, एसिडिटी में राहत दिलाता है. इसके लिए केले को चीनी के साथ मिलाकर खाना बेहतरीन ऑप्शन है. केला खाना मुंह और पेट दोनों ही जगह के अल्सर से छुटकारा दिलाने में मददगार है.

डिस्क्लेमर : दी गई जानकारी इंटरनेट से ली गई है. किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले खुद जांच परख करें व विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें. प्रभात खबर डॉट कॉम दिये गए किसी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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