प्रदूषित वायु से नवजात शिशुओं की अचानक मृत्यु, अंडरवेट या प्रीमैच्योर डिलीवरी, होने वाले बच्चे में ऑटिज्म के लक्षण दिखना जैसे गंभीर दोष हो सकते हैं. ऐसे में जहां तक हो सके गर्भवती महिलाओं के आसपास का वातावरण शुद्ध रखने की कोशिश करनी चाहिए. कुछ आसान उपायों को अपनाकर ऐसा किया भी जा सकता है.
प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग: घर की फर्श और बाकी जगहों को साफ करने के लिए केमिकल वाले क्लीनर्स की जगह नैचुरल क्लीनर्स जैसे विनेगर (सिरका) युक्त क्लीनर्स का उपयोग कर सकते हैं. खाना बनाते समय इलेक्ट्रिक चिमनी, कार्बन मोनोक्साइड डिटेक्टर रखना भी बढ़िया विकल्प है. नवजात शिशुओं अथवा प्रसव के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रही मांओं को वैसे कमरों में रहने से बचना चाहिए, जिनमें तुरंत पेंट हुआ हो अथवा जहां लोग धूम्रपान करते रहते हों.
नमक लैंप: नमक लैंप भी अच्छे एयर प्यूरीफायर का काम करता है. नमक का क्रिस्टल हवा से नमी को खींचकर हवा के प्रदूषित कणों को कम करता है. गुलाबी नमक एक प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर है, जो पर्यावरण से विषाक्त पदार्थों को खींचकर उन्हें निष्क्रिय करता है. यह ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है. आप वहां से भी इसे ले सकते हैं.
इंडोर प्लांट्स लगाएं: इंडोर प्लांट्स न सिर्फ सजावट के काम आते हैं, बल्कि यह आपके लिए स्वस्थ वातावरण भी निर्मित करते हैं. इनसे घर-कमरे के अंदर की हवा में घुले जहरीले तत्वों को कम करने में सहायता मिलती है, जो कि मां और उसके शिशु, दोनों के लिए लाभदायक है. ये पौधे हवा में ऑक्सीजन लेवल सही रखने में भी बहुत कारगर सिद्ध होते हैं.
एयर प्यूरिफायर्स: एयर प्यूरिफायर्स भी हवा में घुले धुएं और धूलकणों को हटाते हैं, जिससे आपके और आपके बच्चे के लिए स्वस्थ परिवेश बनता है. हवा में मिले जीवाणुओं से भी अच्छे क्वालिटी के एयर प्यूरिफायर्स बेहतर तरीके से निबटते हैं. प्रसव के बाद घर में रहना और साफ-सुथरे वातावरण में रहना, मां-बच्चे दोनों के लिए आगे लंबे समय तक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा असर दिखाता है.
Posted by: Pritish Sahay
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.