Alzheimer disease:जानिए आहार और अल्जाइमर के बीच संबंध

अल्जाइमर एक मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति अपने याददाश्त और सोचने की क्षमता को खो देता है. जिसकी वजह से वह अपनी व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाता है. लेकिन सही खान पान से इसे नियंत्रित करने की कोशिश की जा सकती है.

By Jaya Soni | July 17, 2024 8:05 PM

Alzheimer disease:आहार और अल्जाइमर के बीच का संबंध एक महत्वपूर्ण और चर्चा का विषय रहा है, खासकर 35 वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए. अल्जाइमर रोग एक मानसिक रोग है जिसमें दिमाग की कार्यप्रणाली धीरे-धीरे खराब हो जाती है, जिस वजह से याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार पर बुरा असर पड़ता है. हालांकि इस बीमारी का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन शोध से पता चला है कि खाने की भूमिका इसमें हो सकती है.

खाना खाने का प्रभाव

स्वस्थ खाना न केवल शरीर के लिए बल्कि दिमाग के लिए भी फायदेमंद होता है. कई अध्ययनों से पता चला है कि संतुलित और पौष्टिक खाना खाने से दिमाग के काम करने की क्षमता में सुधार आता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है.

जाने किस तरह का दायट ले सकते हैं आप

मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean Diet)

मेडिटेरेनियन डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल और नट्स मेन होते है. इसमें लाल मांस यानी की मीट और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम किया जाता है. एक अध्ययन में पता चला है कि जो मेडिटेरेनियन डाइट का पालन करने वाले लोग हैं उनमें अल्जाइमर रोग का खतरा कम पाया गया है. यह डायट एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है, जो मस्तिष्क की सुरक्षा में मदद करता है.

डैश डाइट (DASH Diet)

डैश डाइट हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन यह दिमाग के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित रही. इस डाइट में सब्जियों, फलों, कम फैट वाले डेयरी उत्पादों, साबुत अनाज, मछली, पोल्ट्री, बीन्स और नट्स का सेवन करना शामिल होता है. इस डाइट में नमक, मिठाई, और रेड मीट का सेवन कम करने को कहा जाता है.

माइंड डाइट (MIND Diet)

माइंड डाइट मेडिटेरेनियन और डैश डाइट का संयोजन है. इस डाइट में मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारने वाले खाद्य पदार्थों का विशेष ध्यान रखा गया है. माइंड डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य सब्जियां, नट्स, बेरीज़, बीन्स, साबुत अनाज, मछली, पोल्ट्री, जैतून का तेल और वाइन शामिल हैं. इसमें रेड मीट, मक्खन, चीज़, पेस्ट्री और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है.

ओमेगा-3 फैटी एसिड्स

ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विशेष रूप से डीएचए (डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड), मस्तिष्क के विकास और कार्यप्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. मछली जैसे सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल, अलसी के बीज और अखरोट में ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. अध्ययन से पता चलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन अल्जाइमर रोग के विकास को धीमा कर सकता है.

विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स

विटामिन ई और सी, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स (विशेष रूप से बी6, बी12 और फोलेट) और एंटीऑक्सिडेंट्स मस्तिष्क की सुरक्षा में सहायक होते हैं. ये तत्व फ्री रैडीकल्स से मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करते हैं और सूजन को नियंत्रित करते हैं.

हल्दी और करक्यूमिन

हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है. यह मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होता है और अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है. अध्ययन से पता चला है कि करक्यूमिन मस्तिष्क की प्लेट्स को तोड़ने और न्यूरॉन्स की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है.

शराब का कम सेवन

हालांकि थोड़ी मात्रा में रेड वाइन का सेवन माइंड डाइट का हिस्सा है, लेकिन अधिक मात्रे में अगर शराब का सेवन किया जाए तो यह मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है. शराब का ज्यादा सेवन मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और अल्जाइमर के खतरे को बढ़ावा भी दे सकता है.

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आहार का अल्जाइमर रोग पर महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है. संतुलित और पोषक आहार न केवल मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारता है बल्कि अल्जाइमर रोग के खतरे को भी कम करता है. मेडिटेरेनियन डाइट, डैश डाइट, माइंड डाइट, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर आहार, हल्दी और करक्यूमिन का सेवन, और शराब का सीमित सेवन मस्तिष्क की सुरक्षा और अल्जाइमर रोग के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं. नियमित व्यायाम और मानसिक सक्रियता के साथ मिलकर, सही आहार से मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है और अल्जाइमर रोग के खतरे को कम किया जा सकता है.

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