हृदय रोगों को हल्के में ना लें, यह समय के साथ घटती नहीं बढ़ती जाती है…

एओर्टिक स्टेनोसिस वॉल्व से संबंधित सबसे सामान्य और गंभीर समस्या है. एओर्टिक स्टेनोसिस का प्रमुख लक्षण है एओर्टिक वॉल्व की ओपनिंग का संकरा हो जाना, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है हृदय रोग की समस्याएं बढ़ती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2021 8:52 PM

विश्वभर में हृदय रोगों के मामले बढ़ रहे हैं और हार्ट फेल्योर हृदय रोग की चरम सीमा है. एओर्टिक स्टेनोसिस (महाधमनी का संकुचन) हार्ट फेल्योर के कई कारणों में से एक है. एओर्टिक स्टेनोसिस तब होता है जब हृदय का एओर्टिक वॉल्व संकरा हो जाता है. वॉल्व पूरी तरह से नहीं खुलता है, जिससे हृदय से शरीर की मुख्य धमनी यानी एओर्टा और बाकी हिस्सों की ओर रक्त का प्रवाह अवरूद्ध या कम हो जाता है.

एओर्टिक स्टेनोसिस वॉल्व से संबंधित सबसे सामान्य और गंभीर समस्या है. एओर्टिक स्टेनोसिस का प्रमुख लक्षण है एओर्टिक वॉल्व की ओपनिंग का संकरा हो जाना, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है हृदय रोग की समस्याएं बढ़ती हैं. एओर्टिक स्टेनोसिस की समस्या बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जाती है.

एओर्टिक स्टेनोसिस के लक्षण

एओर्टिक वॉल्व स्टेनोसिस हल्के से लेकर गंभीर तक होता है, लेकिनआमतौर पर लक्षण तब दिखाई देते हैं, जब वॉल्व का संकुचन गंभीर होता है. कुछ लोग जिन्हें एओर्टिक वॉल्व स्टेनोसिस है, उनमें कई वर्षों तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देता हैं. एओर्टिक वॉल्व स्टेनोसिस की समस्या मामूली होने पर कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. जब लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई दें, तो इसका अर्थ यह है कि समस्या गंभीर हो चुकी है.

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ध्यान देने योग्य लक्षण

  • सांस लेने में तकलीफ होना, खासतौर पर वर्कआउट/व्यायाम करते समय

  • छाती में दर्द या जकड़न

  • सिर हल्का महसूस होना या बेहोश हो जाना

  • थकान

  • हृदय की धड़कनें तेज हो जाना या हृदय के धड़कते समय तेज आवाज आना

  • हृदय की सरसराहट (हृदय की सामान्य धड़कनों के बीच एक अतिरिक्त धड़कन महसूस होना)

  • कभी-कभी परिवार के किसी सदस्य या दोस्त का आपके व्यवहार या ऊर्जा के स्तर के बारे में बदलाव को नोटिस करना, इससे पहले की आप इसके बारे में समझ सकें.

एओर्टिक स्टेनोसिस का उपचार

एओर्टिक स्टेनोसिस एक गंभीर बीमारी है, जिसे विकसित होने में दशकों लग सकते हैं. एक बार जब लक्षण दिखाई देने लगे तब उपचार न कराया जाये तो यह घातक हो जाती है. जहां तक उपचार के विकल्पों का संबंध है, ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई), गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस के मामलों में सबसे बेहतर माना जाता है. इसमें पुराने क्षतिग्रस्त वॉल्व को हटाए बिना नया वॉल्व डाला जाता है. नया वॉल्व बीमार वॉल्व के अंदर रखा जाता है.

(डॉ विजय कुमार,एडिशनल डायरेक्टर कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट हॉस्पिटल)

Posted By : Rajneesh Anand

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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