Rare Disease Day 2023: फोर्ड हॉस्पिटल, पटना में दुर्लभ रोग दिवस (रेयर डिजीज डे)पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मकसद दुर्लभ बीमारियों के रोगियों में समानता की भावना विकसित करना और समुचित स्वास्थ्य देखभाल तक उनकी पहुंच हो, इसके लिए उन्हें जागरूकता करना था. इस कार्यक्रम में डॉक्टर और चिकत्साकर्मियों के अलावा सैकड़ों की संख्या में मरीज और उनके परिजन मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में छाती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विनय कृष्णा ने कहा कि दुर्लभ रोग उतने दुर्लभ नहीं होते जितने वे लगते हैं. अबतक लगभग 7000 दुर्लभ रोगों की पहचान की जा चुकी है. विश्व स्तर पर लगभग 40 करोड़ लोग दुर्लभ बीमारियों के साथ जी रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फोर्ड अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में हाल ही में एक दुर्लभ बीमारी लैंगरहैंस सेल हिस्टियोसाइटोसिस (एलसीएच) के रोगी का निदान किया गया. आमतौर पर यह धूम्रपान करने वालों में सबसे अधिक देखी जाने वाली बीमारी है, लेकिन यह रोगी 13 साल का लड़का था, जिसने कभी धूम्रपान नहीं किया था. फेफड़े की बायोप्सी एस-100 के लिए सकारात्मक थी. इलाज के बाद मरीज अब स्वस्थ है और आम लोगों की तरह जीवन जी रहा है.
इस बीमारी के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए डॉक्टरों ने बताया कि प्रति वर्ष 10 लाख की जनसंख्या पर 0.5 से 5.4 एलसीएच के मामले देखने को मिलते हैं. यदि रोग तेजी से बढ़ता है, तो रोगी को साइटोटॉक्सिक दवाओं और यहां तक कि अग्रिम मामलों में फेफड़े के प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है. फेफड़े के अलावा, एलसीएच अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. इनमें हड्डी, त्वचा, लिम्फ नोड्स और कभी-कभी बहु-प्रणाली भागीदारी आदि शामिल है.
ज्ञात हो कि फोर्ड हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर सभी सुविधाओं से सम्पन्न पटना के सबसे भरोसेमंद अस्पतालों में से एक है. यहां ब्रॉन्कोस्पिक, थोरोस्कोपिक, ईसीजी, डॉप्लर, टीएमटी, होल्टर, स्ट्रेस ईको और एंजियोग्राफी के अलावा 24 घंटे इमरजेंसी की सेवा उपलब्ध है. यहां सीटी स्कैन, एक्स रे, ईआरसीपी, इंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, यूसीजी, फिजियोथेरेपी, प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप, पैथोलॉजी, फार्मेसी, डाइटिसियन और एम्बुलेंस की सेवाएं उपलब्ध हैं. यहां हर तरह के रोगों के इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टरों की टीम उपलब्ध है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.