Ayurvedic Food Rules, Diet Rules, How To Eat Right, Health News: पाचन संबंधी समस्याएं बहुत सामान्य है. इससे न केवल आपको असुविधाएं होती है बल्कि कई रोगों का भी सामना करना पड़ सकता है. सही खानपान न केवल हमारे आंत को हेल्दी रखता है, बल्कि पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है. आयुर्वेद के अनुसार कुछ नियम है जिनका पालन हमें हमेशा भोजन करते समय करना चाहिए. आइए जानते हैं…
अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आयुर्वेद की एक्सपर्ट डॉ दीक्षा भावसार का कहना हैं कि आयुर्वेद में छिपे हैं पाचन संबंधी रोगों के इलाज. जैसा कि ज्ञात होग यदि आपकी पाचन क्रिया ठीक हो तो आपका तन और मन दोनों को तंदुरुस्त रहता है. आप खुश और हल्का महसूस कते हैं.
आइए जानते हैं आयुर्वेदिक के इन नौ नियमों के बारें में जो आपको रख सकते हैं हेल्थी और हैप्पी
खाना तब ही खाये जब आपको भूख लगे. भूख लगने का अर्थ ही यह है की आपने जो पूर्व में खाना खाया था वो पूरी तरह से हजम हो चूका है.
खाना खाते वक़्त हमेशा यह ध्यान देना चाहिए कि शांतिपूर्वक और आरामदायक जगह पर बैठ कर खाएं. खासकर मोबाइल फोन,टीवी इत्यादि को छोड़ कर ही भोजन का सेवन करना चाहिए.
सभी लोगों के पेट का आकार शरीर के अनुसार भिन्न होता है. ऐसे में पेट के आकर, मेटाबोलिज्म और खाने की क्षमता के अनुसार ही भोजन का सेवन करें.
आयुर्वेद कहता है कि हमें हमेशा गरम भोजन का ही सेवन करना चाहिए. यदि पाचन क्रिया को मजबूत रखना हो तो ताज़ा बना हुआ ही खाना चाहिए. ताजा खाने का अर्थ है कि वह फ्रिज का न हो. ऐसा करने से हमारी कोशिकाएं मजबूत होती है शरीर में जरूरी पोषक तत्व पहुंचता है.
आयुर्वेद के अनुसार हमें सेहतमंद फूड का सेवन ही करना चाहिए. हम अक्सर ऑयली फ़ूड नहीं खाते हैं जो स्वादिष्ट तो लगता है लेकिन सेहतमंद नहीं होता. ऐसे में क्वालिटी फूड हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.
कोई भी ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं जिसका काम्बीनेशन शरीर के लिए हो सकता है हानिकारक. इससे पेट और त्वचा संबंधी कई रोगों का बढ़ सकता है खतरा. इनमें दूध एवं फल, मछली और दूध जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं.
खाते समय, अपने सभी इन्द्रियों को जागरूक रखना चाहिए. ऐसा तब हो सकता है जब खाने की सुगंध आपको महसूस हो, चमकदार खाने का टेक्सचर, स्वाद और खाते समय खाने का आवाज़ ये सब आप महसूस कर पाएं.
खाने को अच्छी तरह चबाकर ही खाना चाहिए. ऐसे करने से भोजन आसानी से पचता है. जिससे सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
आयुर्वेद कहता है कि हमें प्रकृति के नियम के विरूद्ध कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए. जो समय खाने का तय है उसी समय पर भोजन प्रतिदिन करना चाहिए.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.