सर्दियों में जोड़ों और हड्डियों में दर्द बढ़ जाता है. उसमें भी जब दर्द बुजुर्गों में हो तो उनकी स्थिति और कष्टदायक हो जाती है. कई बार ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि इनके लिए कई तरह के पेन किलर का सहारा लेना पड़ता है. आज हम आपको बताते हैं कि कुछ आर्युवेदिक उपचारों से अपने दर्द को और इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं. प्रभात खबर से बातचीत में पतंजलि वेलनेस के प्रभारी चिकित्सक डॉ नितेश कुमार ने बताया कि आखिर क्यों ठंड के दौरान यह दर्द बढ़ जाता है, इससे बचाव के क्या उपाय हैं, इसके क्या उपचार हैं. डॉ कुमार के अनुसार आर्युवेद में नेचुरोपैथी के कुछ उपायों और योगासन से इस दर्द से बिल्कुल राहत मिल सकती है. आइये जानते हैं क्या हैं यह उपाय और योगासन.
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खासकर उन जोड़ों में जिनमें पहले से आर्थराइटिस हो या चोट लगी हो.
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सर्दियों में कम तापमान के कारण खून का बहाव जोड़ों में कम हो जाता है.
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इसकी वजह से जोड़ों में अकड़न आ जाती है और दर्द बढ़ जाता है.
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सर्दियों में बैरोमेट्रिक प्रेशर कम रहता है.
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जिसके कारण जॉइंट्स के आसपास की मांसपेशियां बढ़ने लगती हैं.
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क्योंकि वहां एक सीमित जगह होती है, इसलिए मांसपेशियों के बढ़ने के कारण दर्द होता है.
सुबह की गुनगुनी धूप को विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है. कई अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है. ठंड के दिनों में यदि विटामिन डी की भरपूर खुराक ली जाए तो कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है. धूप हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है. धूप में बैठने से रक्तशोध बढ़ता है और जोड़ों के दर्द और सूजन से मुक्ति मिलती है.
जोड़ों के दर्द में कई महत्वपूर्ण आसन या योग, जैसे गिद्घासन व प्राणायाम मदद करते हैं. लगातार कई घंटों तक एक ही कुर्सी और कंप्यूटर के आगे बैठे-बैठे आपके जोड़ अकड़ जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप अपने जोड़ों के लिए थोड़ा वक्त निकालें.
खान-पान, मर्निग वॉक, कुछ आसन व कसरत जोड़ों को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं. मरीज विशेषज्ञ की देखरेख में ही एक्सरसाइज और योग करें. ऑफिस में हर आधे घंटे या एक घंटे में सीट छोड़कर सात मिनट के लिए घूमे-फिरें. शरीर को स्ट्रैच करें. महिलाएं ऊंची हील की सैंडिल पहनने से बचें. इससे एड़ी, घुटने और पिंडलियों के साथ कमर पर भी असर पड़ता है.
नियमित रूप से एलोवेरा का जूस पिंए.
गिलोय का जूस भी है फायदेमंद.
वातारि चूर्ण का सेवन करें.
पीड़ान्त क्वाथ भी लाभकारी.
दूध में हल्दी मिलाकर पिएं.
शिलाजीत का दूध में सेवन करें.
गर्म और ठंडी सिकाई
गर्म और ठंडी सिकाई भी जोड़ो के इलाज में मदद कर सकती है. गर्म सिकाई सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, जबकि ठंडी सिकाई सूजन को कम करने में मदद कर सकती है.
एनिमा
मरीज को एनिमा भी दिया जाता है जिससे कि आंतों के म्यूकस को शरीर के बाहर निकाला जाता है.
स्टीम बाथ
इससे सबसे कारगर स्टीम बाथ होता है इससे काफी राहत महसूस करते है.
मालिश
नारियल व सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से अकड़न दूर हो जाती है.
हर सिंगार की चार-पांच पत्तियों को पीसकर 1 गिलास पानी में उबालकर सुबह-शाम 15 दिन पीने को दें.
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त्रिकोणासन
यह आसन टांगो, घुटनों और टखनों रो मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही इससे कमर दर्द से राहत मिलती है।
मंडूकासन
इस आसन को करने से पैंक्रियाज में इंसुलिन बनेगा। साथ ही आपको जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी।
भुजगांसन
इस आसन को रोजाना करने से जोड़ों के दर्द की समस्या दूर हो जाती है.
मर्कटासन
इस आसन को करने से आपके शरीर में मजबूती आएगी. साथ ही वजन कम करने में फायदेमंद होता है.
शलभासन
वजन कम करने के साथ बॉडी को फिट बनाने के लिए शलभासन फायदेमंद होता है. इसे करने से आपकी कमर और पीठ दोनों ही मजबूत बनती है.
उष्ट्रासन
इस आसन को रोजाना कम से 4-5 मिनट करें। इससे आपके जोड़ों का दर्द आसानी से दूर हो जाता है.
मकरासन
इस आसन से पूरे शरीर को लाभ मिलता है.
धनुरासन
यह आसन आपके जोड़ों के दर्द को दूर करने के साथ पीठ को भी मजबूत बनाता है.
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