दोपहर के भोजन की खराब आदतें, बढ़ा सकती हैं आपका Blood Sugar Level, जानें कैसे
मधुमेह, एक मेटाबोलिक विकार, जिसकी चपेट में इस समय 100 मिलियन से अधिक भारतीय हैं. दोपहर के समय का भोजन सबसे आम और निश्चित रूप से परिवर्तनीय, आहार है. तो चलिये, उन सामान्य गलतियों पर बात करें जो लोग अक्सर दोपहर के भोजन के समय करते हैं.
मधुमेह, एक मेटाब़लिक विकार, जिसकी चपेट में इस समय 100 मिलियन से अधिक भारतीय हैं. हालिया अध्ययन के अनुसार, भारतीय आबादी का 15.3% यानी लगभग 136 मिलियन लोग प्रीडायबिटीज चरण में हैं. खराब आदतें और अनियमित भोजन के कारण, शरीर को उचित रूप से ग्लूकोज का उपयोग न करने की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे रक्त में ग्लूकोज के स्तर में बार-बार बढ़ोतरी हो सकती है. इसे ‘हाई पोस्टप्रैंडियल ब्लड ग्लूकोज’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि खाने के बाद रक्त शर्करा का स्तर अधिक हो जाता है. ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, इन्हीं कारणों के बारे में आज हम आपको बतायें.
दोपहर के भोजन का समय महत्वपूर्ण
दिन का भोजन मधुमेह के कई जोखिम कारकों में से हैं. दोपहर के समय का भोजन सबसे आम और निश्चित रूप से परिवर्तनीय, आहार है. आइए उन सामान्य गलतियों पर चर्चा करें जो लोग दोपहर के भोजन के समय करते हैं, जिसे दिन का सबसे बड़ा भोजन माना जाता है, जिससे उन्हें मधुमेह होने का खतरा होता है. दोपहर के भोजन पर चर्चा करने की आवश्यकता है क्योंकि यह दिन का सबसे बड़ा भोजन माना जाता है और इसमें शरीर के चयापचय को विनियमित करने की क्षमता होती है. इसलिए आपको दिन के सबसे बड़े भोजन में आप क्या खाते हैं, इसके बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत है; यह आपकी सेहत बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है. ऐसे में दोपहर के भोजन के समय आपके द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियों के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें.
जब दोपहर का भोजन दिन का पहला भोजन होता है
नाश्ता न करने से रक्त शर्करा के स्तर में भारी उतार-चढ़ाव होता है, खासकर जब आप दोपहर में देर से भोजन करते हैं. सुबह सबसे पहले नाश्ता करने से आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रह सकता है, लेकिन ऐसा नहीं करने पर आपका ब्लड शुगर लेवल पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है. अच्छे और स्वस्थ भोजन के साथ दिन की शुरुआत करने से मधुमेह का खतरा कम हो जाता है और इससे जुड़ी जटिलताएं भी कम हो जाती हैं.
दिन का खाना जरूरत से ज्यादा न खायें
बहुत से लोग दोपहर के भोजन के दौरान केवल अपना पेट भरने का लक्ष्य रखते हैं और जो भोजन वे खा रहे हैं उसके पोषण पर कोई ध्यान नहीं देते हैं. यह एक और अस्वास्थ्यकर भोजन की आदत है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ाती है. अपने भोजन की योजना बनाएं और आहार में कार्ब्स से लेकर प्रोटीन और वसा तक सब कुछ शामिल करें. सुनिश्चित करें कि आप दोपहर के भोजन के दौरान संतुलित आहार लें.
डिब्बाबंद खाने का ज्यादा उपयोग
इन दिनों, खाना बनाने के झंझट से बचने तथा समय बजाने के लिये सुपरमार्केट से पहले से बने सैंडविच खरीदना अधिक आसान है. ये डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आपको लंबे समय तक तृप्त रख सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं और इसके कई कारण हैं. बहुत ज्यादा नमक का उपयोग, जो भोजन के स्वाद को बेहतर बनाता है; भोजन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए परिरक्षकों का उपयोग मधुमेह जैसे चयापचय संबंधी विकारों में योगदान देता है.
खाते वक्त कार्बोनेटेड पेय पीने की आदत
आजकल भोजन के साथ कार्बोनेटेड, मीठा, स्वादयुक्त पेय की एक बोतल या कैन पीना एक आम बात है. ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आपको ऐसा करना बंद कर देना चाहिए. सबसे पहले, यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है; दूसरा, ये खाली कैलोरी हैं और इनका कोई पोषण मूल्य नहीं है; तीसरा, वे भूख की पीड़ा को कम करते हैं और आपको पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने से रोकते हैं जिन्हें आप अन्यथा खा सकते थे. ऐसे में ये जरूरी है कि खाना खाते वक्त आप इसका सेवन करने से बचें.
भोजन के तुरंत बाद डेस्क पर बैठना
हम समझते हैं कि हर कोई लक्ष्यों और समय-सीमाओं के बोझ से दबा हुआ है, लेकिन उसके बीच में अपने लिए कुछ समय निकालने का प्रयास करें. खाने के तुरंत बाद अगर आप डेस्क पर बैठते हैं तो, इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में ये जरूरी है कि खाने के बाद कार्यालय भवन के परिसर में 10 मिनट की सैर भी सहायक होती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.