कई पोषक तत्वों से भरपूर दूध भारतीय आहार का आंतरिक हिस्सा माना गया है. यह अपने आप में सम्पूर्ण आहार है. इसे सबसे अधिक पौष्टिक पेय पदार्थों में से एक कहा जाता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 12, और विटामिन डी, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाये जाते है.
यह शाकाहारियों के लिए प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है. आधा किलो दूध अपने गुणों के अनुसार, एक पाव मांस व तीन अंडों से अधिक शक्तिवर्धक है. इसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट तथा सभी तरह के विटामिन पाए जाते हैं, यही कारण है कि अच्छे स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए डॉक्टर भी इसे दवा के रूप में सुझाते है. आयुर्वेद में भी इसका अपना महत्व है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि कई औषधीय गुणों से भरपूर दूध को पीने का सही समय क्या होना चाहिए और इसे ठंडा पीना सही है गर्म करके, अगर नहीं, तो जानें…
– आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आशुतोष गौतम की मानें तो अगर आप दूध पीते हैं तो इसे या तो सुबह के समय पिएं या फिर रात में सोने से पहले पिएं. तब ही यह शरीर के लिए सेहतमंद साबित हो पाएगा.
– इसके अलावा आप इससे और लाभ लेना चाहते हैं तो अश्वगंधा या त्रिफला के साथ भी इसे ले सकते हैं. आपको बता दें कि अश्वगंधा के साथ लेने से नींद बेहतर आती है. वहीं, त्रिफला के साथ दूध लेने से आपकी आंखों के लिए काफी लाभदायक होता है.
– हालांकि, धन्वंतरि त्यागी, आयुर्वेद डॉक्टर की मानें तो दूध सबसे ताकतवर पेय पदार्थ है. इसे रोज पीना चाहिए, किसी भी समय पीने से यह हानिकारक नहीं साबित होता है. लेकिन, सोने से पहले पीना तुलनात्मक रूप से काफी फायदेमंद होता है.
– आपको बता दें कि दूध को शाम या रात में सोने से पहले इसलिए पीने को कहा जाता है क्योंकि इसमें पाचक गुणों की भरमार है.
– दूध नींद लाने में मददगार होता है. जिससे सेरोटोनिन हॉर्मोन निकलता है, जो दिमाग को शांत करने में मदद करता है.
– आयुर्वेद के अनुसार दूध रात को सोने से पहले तब पीना चाहिए जब रात का खाना खाए आपको कम से कम तीन घंटे बित चुके हो. इससे आपका अमाशय खाली हो जाता है और दूध आसानी से पच जाता है.
– आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो दूध का लाभ शरीर को तब ही मिल पाता है जब इसे सही समय पर सही तरीके से पीया जाए. आपको बता दें कि आयुर्वेद के अनुसार ‘मिल्कशेक’ के रूप में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.
– द कम्प्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडीज की मानें तो किसी भी खट्टे फल के साथ दूध को मिलाकर नहीं सेवन करना चाहिए. इन फलों में आम, खरबूजे समेत अन्य शामिल हैं, जिन्हें दूध के अलावा दही के साथ भी नहीं सेवन करना चाहिए.
– केले और दूध का मिल्कशेक भी नहीं पीना चाहिए. इससे साइनस, सर्दी, खांसी, एलर्जी, पित्ती जैसी बीमारी हो सकती है.
– हालांकि, रात को ज्यादा गरम दूध पीने से स्वप्नदोष होता है.
– दूध में मिठास के लिए चीनी नहीं डालना चाहिए क्योंकि चीनी से कैलशियम नष्ट हो जाता है. अगर इसे मीठा करके ही पीना है तो शहद, मुनक्का या मिस्री डालकर पिएं.
– ठंड दूध पीना भी कई मायने में फायदेमंद है. अगर आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम है तो आप बेशक ठंड दूध ही पिएं क्योंकि गर्म दूध इसे और बढ़ा सकता है.
– ठंड दूध पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने के लिए ठंड दूध पीया जा सकता है.
– अगर आपको लैक्टोज नहीं पचता तो आप ठंडा दूध पीने से बचें क्योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है.
– अगर आप फ्लू या कोल्ड से परेशान रहते हैं तो भूल के भी ठंडा दूध न पिएं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.