नीम, जिसे चमत्कारिक जड़ी बूटी के रूप में भी जाना जाता है. इसका हर हिस्सा औषधीय उपचार में काम आता है. नीम रक्त को साफ करता है और शरीर से किसी भी जहरीले तत्व को बाहर निकालने में मदद करता है. नीम में फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है. यह अपने एंटीकैंसर गुणों के लिए जाना जाता है.
बनारस हिंदू विवि के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक अध्ययन के दौरान पाया है कि नीम के पेड़ में पाये जाने वाले कंपोनेंट कैंसर से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं. इस रिसर्च के नये निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘एनवायरनमेंटल टॉक्सिकोलॉजी’ में दो हिस्सों में प्रकाशित किये गये हैं. रिसर्च टीम के मुताबिक, नीम के पेड़ में मौजूद निंबोलाइड नामक एक बायोएक्टिव घटक टी-सेल लिंफोमा के खिलाफ इन-व्रिटो और इन-विवो चिकित्सीय प्रभाव डालते हैं.
इसने हेमटोलॉजिकल विकृतियों के उपचार के लिए एक संभावित कैंसर विरोधी चिकित्सीय दवा के रूप में निंबोलाइड की उपयोगिता की पुरजोर वकालत की है. यह रिसर्च यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पूरा किया था. इसे यूजीसी स्टार्ट-अप रिसर्च ग्रांट नेवित्त पोषित किया था. रिसर्च टीम के अनुसार, नीम एक पारंपरिक औषधीय पेड़ है, जिसके फूलों और पत्तियों में एंटी-पैरासाइटिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी- वायरल और एंटी-एलर्जिक जैसे कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं.
इन्हीं गुणों के कारण कई बीमारियों के इलाज के लिए नीम का इस्तेमाल पारंपरिक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. हाल ही में नीम की पत्तियों और फूलों से अलग एक बायोएक्टिव घटक, निंबोलाइड और इसके औषधीय मूल्यों के पीछे महत्वपूर्ण अणुओं में से एक के रूप में पहचाना गया है. निंबोलाइड की ट्यूमर-विरोधी प्रभावकारिता का मूल्यांकन सिर्फ कुछ कैंसर के खिलाफ किया गया है.
आयुर्वेद, सिद्ध और अन्य कई चिकित्सा प्रणालियों में नीम को अलग-अलग प्रकार की दवाएं बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. प्राचीन काल से ही भारत में लोग इसकी टहनी से बनी दातुन का इस्तेमाल करते हैं, जिसे दांतों के स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट माना गया है. आजकल कई मॉडर्न मेडिसिन बनाने में भी नीम का इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही शैम्पू, साबुन व टूथपेस्ट जैसे कई प्रोडक्ट हैं, जिनमें नीम को एक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
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टहनी चबाकर (दातुन के रूप में)
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पत्ते चबाकर
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पानी में उबालकर (त्वचा पर लगाने के लिए)
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.