नए साल पर बाहर घूमने जाने का है प्लान ?जेएन-1 वैरिएंट से रहें सावधान
JN-1 variant : कोविड गया नहीं, यह हमारे साथ है और रहेगा, समय-समय पर इसके नये-नये वैरिएंट आते रहेंगे. यही वजह है कि एक बार फिर यह अपना रंग दिखा रहा है. कोरोना वायरस का नया सब-वैरिएंट जेएन-1 दुनियाभर में पिछले कुछ समय से लोगों की चिंता का सबब बना हुआ है. लेकिन कुछ सतर्कता बरत कर इससे बचाव संभव है.
कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट से रहें सावधान
डॉ. मोहसिन वली
सीनियर फिजिशियन, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली
जेएन-1 वैरिएंट कोरोना के ओमिक्रोन-286 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना एक सब-वैरिएंट है. जो अब अपने देश में भी अपने पैर पसार रहा है और 12 राज्यों तक पहुंच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के जेएन-1 सब-वैरिएंट के बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरस्ट’ घोषित किया है.
माइल्ड कैटेगरी का है यह वैरिएंट
एक अध्ययन के अनुसार, अपनी संक्रामक प्रवृत्ति के कारण यह दूसरे वैरिएंट से ज्यादा शक्तिशाली है. इससे संक्रमण की संभावना दूसरे ओमिक्रोन वैरिएंट की तुलना में 1.2 गुना ज्यादा है. हालांकि, इसके बावजूद एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि जेएन-1 वैरिएंट एक माइल्ड कैटेगरी का वैरिएंट है. साथ ही वैक्सीनेटेड होने की वजह से इससे संक्रमित व्यक्ति को जान का जोखिम बेहद कम है. मरीज ज्यादा जटिलता का सामना किये बिना घर पर ही इलाज से ठीक हो रहे हैं. इससे संक्रमित व्यक्ति को जुकाम, गले में दर्द की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. वहीं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उनमें वायरल निमोनिया, सांस लेने में दिक्कत और शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं भी आ रही हैं.
बाहर घूमने जाने वाले सतर्क रहें
बढ़ते संक्रमण के कारण जेएन-1 वैरिएंट संक्रमण को एक्सपर्ट्स ‘ट्रेवल रिलेटिड इलनेस’ मान रहे हैं. चूंकि, नववर्ष के उपलक्ष्य में लोगों का देश-विदेश घूमने जाने का सिलसिला जारी है. ऊपर से सर्दियों में तापमान के गिरने से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. इसके चलते फ्लू यानी इन्फ्लूएंजा, सर्दी-जुकाम होने की संभावना अधिक रहती है. भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन न करने से जेएन-1 का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में यदि आप भी कहीं बाहर घूमने जाने वाले हैं, तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.
किन्हें है ज्यादा खतरा
कमजोर इम्युनिटी वाले छोटे बच्चे और 60 साल से बड़े बुजुर्ग
दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोग या ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी, हाइपरटेंशन, हार्ट, रेस्पेरेटरी, कैंसर, गठिया जैसी क्रोनिक बीमारी के कारण इम्युनो कॉम्प्रोमाइज स्थिति के लोग.
वे लोग जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगवायी है. इसकी वजह से उनकी इम्युनिटी कमजोर है.
कमजोर इम्युनिटी वाली गर्भवती महिलाएं.
इन बातों का रखें ध्यान
वर्तमान स्थिति में बुखार, सर्दी, जुकाम होने पर बेहतर है कि कोविड की आशंका से व्यक्ति को सबसे पहले खुद को दो से तीन दिन के लिए होम आइसोलेट कर लेना चाहिए.
इस समय घर का बना पौष्टिक और संतुलित आहार लें.
पानी या लिक्विड डायट का सेवन ज्यादा करें. गर्म पानी पीना या चाय, कॉफी, कहवा, सूप, हल्दी वाला दूध जैसे गर्म पेय पीना फायदेमंद है. खट्टे फलों का सेवन करें.
दिन में कम-से-कम 30 मिनट अपनी क्षमता और पसंद के अनुसार व्यायाम करें.
सर्दी से बचाव करें. सर्दी में गिरते तापमान की वजह से ऑक्सीजन की कमी का ध्यान रखें.
किसी भी तरह की समस्या हो, डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
बातचीत : रजनी अरोड़ा
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