Hypersensitive Pneumonia: कबूतर पालने का शौक कई लोगों में है, बहुत से लोग अपने घर में घड़ों में कबूतर पालते हैं. खुले में पक्षी पालना अच्छा लगता है, आप उसे पिंजड़े या फिर कैद कर नहीं रखते, पर क्या आपको पता है कि कबूतर का शौक आपको गंभीर बीमारी दे सकता है. आपको बता दें कबूतरों को दाना खिलाने से फेफड़ों की बीमारी हाइपरसेंसिटिव निमोनिया (Hypersensitive Pneumonia) के शिकार आ हो सकते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार विशेष रूप कबूतरों के पंख और बीट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक के रूप में काम करते हैं, जो आपके फेफड़ों को प्रभावित करते हैं और आपको बीमारी के खतरे में डाल सकते हैं.
कबूतर की बीट अत्यधिक अम्लीय (एसिडिक) होती हैं और यह आसानी से वायुमंडल में फैलती है जिससे ब्रोंकाइटिस हो सकता है और दमा के रोगियों में अस्थमा का दौरा पड़ सकता है.
हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस यदि लम्बे अरसे से है (क्रोनिक) तो बहुत घातक होता है – इस स्थिति में जीवित रहने की संभावना कम करता है, और रोगी काफी अस्वस्थता महसूस करते है. प्रारंभिक अवस्था में यदि हम पूरी तरह से बीमारी के कारक ट्रिगर हटा पायें तो यह बीमारी दूर की जा सकती है वरना यह बीमारी क्रोनिक और प्रगतिशील हो जाती है.
खांसी, सांस लेने में दिक्कत, घरघराहट और चरचराने की आवाज़ जो ठीक न हो रही हों और लंबे समय तक चल रही हों. यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी है, तो ऐतिहात के तौर पर अपने डॉक्टर द्वारा जांच करवाएं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.