स्वास्थ्य सेवाओं में ड्रोन के उपयोग का भुवनेश्वर एम्स में सफल परीक्षण, 1:10 घंटे में पूरी की 120 किमी की दूरी
ड्रोन डिलीवरी को शामिल करने से ग्रामीण, आदिवासी और अर्ध-शहरी स्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा. ये ड्रोन टीके, आवश्यक दवाओं और सहित कई स्वास्थ्य उत्पादों को ले जा सकते हैं.
ओडिशा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भुवनेश्वर में ड्रोन के उपयोग का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया. ड्रोन ने एम्स भुवनेश्वर से सीएचसी टांगी तक 120 किलोमीटर की सफल यात्रा केवल 1:10 घंटे में पूरी की, जिसमें दो किलोग्राम वजन की आवश्यक रक्त आपूर्ति की गयी, बिना किसी परिचालन समस्या के यह परीक्षण एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ आशुतोष विश्वास की उपस्थिति में किया गया था.
टीके, जरूरी दवाओं सहित कई स्वास्थ्य उत्पाद ले जा सकते हैं ड्रोन
मौके पर डॉ बिश्वास ने मौजूदा लॉजिस्टिक्स विधियों के पूरक के रूप में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के लिए एक मॉडल विकसित करने और चिकित्सा आपूर्ति की ड्रोन-आधारित डिलीवरी की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए सुझाव देने के लिए राष्ट्रीय संस्थान की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा कि ड्रोन डिलीवरी को शामिल करने से ग्रामीण, आदिवासी और अर्ध-शहरी स्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा. ये ड्रोन टीके, आवश्यक दवाओं और सहित कई स्वास्थ्य उत्पादों को ले जा सकते हैं. डॉ बिश्वास ने कहा कि अग्रणी तृतीयक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में एम्स भुवनेश्वर ने ओडिशा के लोगों के लिए यह अवसर पैदा किया है.
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प्राकृतिक आपदा के दौरान होगी महत्वपूर्ण भूमिका
ड्रोन सेवा किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, भौगोलिक बाधाओं पर काबू पा सकती है और आपातकालीन चिकित्सा, रक्त के नमूने, रक्त उत्पाद आदि की दूर-दराज के क्षेत्रों में समय पर डिलीवरी सुनिश्चित कर सकती है. मंगलवार को ट्रेल सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ड्रोन 5 किलोग्राम तक वजन ले जाने की क्षमता रखता है और 160 किमी तक की यात्रा कर सकता है.
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