Prabhat Khabar Special: दिमागी रोगों का खतरा बढ़ा देती हैं ये आदतें
अगर आप अपनी खाद्य सामग्री में चीनी (मीठे खाद्य पदार्थ) का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो यह शरीर में पोषक तत्वों और प्रोटीन के अवशोषण को बाधित करता है.
विवेकानंद सिंह :
पर्याप्त नींद न लेने की आदत : नींद का अधिक आना और न आना दोनों ही एक गंभीर समस्या है. अगर आप उन लोगों में से हैं, जो अच्छी व गहरी नींद नहीं ले पाते हैं, तो इसकी वजह से आपको कुछ भी याद रखने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. कोशिश करें कि हर दिन 6 से 7 घंटे की गहरी नींद जरूर लें, ताकि ब्रेन सेल्स को कम-से-कम नुकसान हो. नींद आपके शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए बहुत ही जरूरी है. यदि आपको सोने में कठिनाई हो रही है, तो शाम के बाद कॉफी पीने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने से बचें.
चीनी का अधिक सेवन :
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर मस्तिष्क पर भी पड़ता है. ऐसे में अगर आप अपनी खाद्य सामग्री में चीनी (मीठे खाद्य पदार्थ) का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो यह शरीर में पोषक तत्वों और प्रोटीन के अवशोषण को बाधित करता है. इसकी वजह से मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बहुत हद तक प्रभावित करती है. यही नहीं अगर लंबे समय तक शुगर का सेवन अधिक मात्रा में किया जाये तो यह कुपोषण का कारण तो बनती ही है. साथ ही मस्तिष्क के विकास को भी धीमा कर देता है.
छोटी-छोटी बात पर गुस्सा होना :
हम सभी ज्यादातर छोटी-छोटी बातों पर ओवररिएक्ट करते हैं या गुस्से में चिल्लाने लगते हैं. अगर आप खुद अपने बीते कुछ दिनों को ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि आपने हाल ही में कितना ज्यादा गुस्सा किया है. इस तरह बात-बात पर ओवररिएक्ट करना या गुस्सा हो जाना आपके मस्तिष्क के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. दरअसल, जब आप ऐसा करते हैं, तो मस्तिष्क की रक्त धमनियां सख्त होने लगती हैं. इसकी वजह से आपकी मस्तिष्क की कार्य क्षमता कमजोर होने लगती है.
सुबह का नाश्ता न कर पाना :
सुबह का नाश्ता दिन का सबसे जरूरी मील माना जाता है. यह हमें दिन भर ऊर्जावान रहने में मदद करता है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि इस बीच हमने लगभग 8 घंटे से कुछ भी नहीं खाया होता. ऐसे में सुबह के समय हमारे शरीर को ग्लूकोज और अन्य पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. इस स्थिति में अगर आप लगभग रोज अपना ब्रेकफास्ट स्किप करते हैं, तो ऐसा करना बंद कर दें. क्योंकि यह आगे चलकर आपके मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के डिजनरेशन की वजह बन सकता है.
नियमित व्यायाम नहीं करना :
एक सर्वे के अनुसार, अपने देश में मात्र 36 प्रतिशत लोग ही प्रतिदिन व्यायाम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम जरूर करें. आप व्यायाम करेंगे तो आपका दिमाग भी शांत रहेगा और आपका मूड भी अच्छा रहेगा. व्यायाम करने से तनाव कम करने वाले हॉर्मोन भी एक्टिव होंगे. इससे मस्तिष्क की सेहत भी अच्छी बनी रहेगी.
इन लक्षणों की न करें अनदेखी
किसी भी बीमारी या समस्या की शुरुआत में सही कदम उठाने से आप गंभीर रूप से इनका शिकार होने से बच सकते हैं. ऐसे में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर नजर रखें और यदि निम्न लक्षण लगातार दिखें तो विशेषज्ञ चिकित्सक से जरूर सलाह लें.
दिमाग सही से काम करने पर आप पैसे गिनते समय बार-बार गलतियां नहीं करते हैं. अगर किसी भी व्यक्ति को लगातार पैसे गिनने में या किसी चीज का हिसाब-किताब करने में परेशानी होती है, तो यह दिमाग से जुड़ी कुछ समस्याओं का संकेत हो सकता है.
चीजों को भूलने की समस्या :
बढ़ती उम्र में चीजों को याद रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. अगर कम उम्र में भी चीजों को याद रखने में समस्या हो रही है, तो इसे दिमाग से जुड़ी बीमारी का संकेत माना जाता है.
बातचीत करते समय दिक्कत :
डिमेंशिया जैसी समस्या में मरीज को बातचीत करने में भी दिक्कत होती है. अगर कोई भी व्यक्ति लंबे समय से बातचीत करने में परेशानी का शिकार हो रहा है या सही शब्दों का चुनाव नहीं कर पा रहा है, तो इसे सामान्य नहीं समझना चाहिए.
व्यवहार में अचानक बदलाव :
किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक बदलाव चौंकाने वाला होता है. अगर किसी व्यक्ति के व्यवहार में पहले से उलट बदलाव हो रहे हैं, तो इसे दिमाग से जुड़ी समस्या का संकेत माना जाता है.
सुबह के समय सिरदर्द होना :
ब्रेन ट्यूमर दिमाग की बड़ी बीमारियों में से एक है, जिसकी वजह से दिमाग की नसें दबने लगती हैं और इसका कामकाज कम होने लगता है. इसका सबसे आम लक्षण अक्सर सुबह सिरदर्द होना है.
हाइ बीपी व डायबिटीज होना : यदि आपको उच्च रक्तचाप व मधुमेह में से कोई समस्या है, तो इसका असर भी मस्तिष्क की सेहत पर पड़ता है. ऐसे में इनको भी नियंत्रण में रखना जरूरी है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.