Brain Hemorrhage Ke Karan Aur Lakshan, Brain Bleed, Symptoms, Causes, Precautions, Winter Season Health Tips, High Blood Pressure: ठंड धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रही है ऐसे में ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. डॉक्टरों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में ब्रेन हेमरेज के मरीज और तेजी से बढ़ेंगे. खास कर वैसे लोग जिन्हें बीपी की समस्या है. ऐसे में आइये जानते हैं ब्रेन हेमरेज क्यों होता है, क्या ठंड भी इसका कारण है, इसके लक्षण और बचाव के उपाय…
दरअसल, पीएमसीएच के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ गुंजन कुमार की मानें तो ठंड में हर वर्ष ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण बीपी है. ठंड में बीपी का तेजी से उतार-चढ़ाव होने लगता है. जो बाद में ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है.
लगातार बीपी में उतार-चढ़ाव से नस फटने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बीपी के मरीजों को विशेष रूप से ठंड में सावधान रहने की सलाह दी जाती है. आपको बता दें कि उन्हें रात के समय या अहले सुबह खतरा ज्यादा होता है. दरअसल, ब्रेन हेमरेज एक प्रकार का स्ट्रोक है. या तो चोट या बार-बार बीपी के बढ़ने और घटने से मस्तिष्क की कोशिकाएं परेशान होने लगती है. जो बाद में या तो सूजन का कारण बन जाती है. इसे सेरेब्रल एडिमा के रूप में जाना जाता है. अब इसे जमे ब्लड से मस्तिष्क के अन्य कोशिकाओं पर दबाव बढ़ने लगता है. जिसके बाद में ब्रेन के अंदर और मस्तिष्क को ढकने वाली झिल्लियों की परतों के बीच रक्तस्राव होने लगता है.
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सिर में चोट लगने से ब्लड क्लॉट की समस्या हो सकती है जो बाद में ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकती है
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उच्च रक्तचाप के कारण
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एन्यूरिज्म नाम की बीमारी से, इसमें रक्त प्रवाह करने वाली दीवार में कमजोर पड़ जाती है जो सूजन के बाद फट जाती है और ब्रेन में खून बहने लगता है.
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रक्त वाहिका में होने वाली असामान्यताएं भी इसका कारण होती है
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लीवर संबंधी बीमारी में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है
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ब्रेन ट्यूमर भी इसका कारण हो सकता है
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मस्तिष्क में रक्तस्राव के कई कारण हो सकते है. वह ब्लीडिंग वाले स्थान उसकी गंभीरता और कोशिकाओं पर निर्भर करता है. आमतौर पर लक्षण अचानक विकसित होते हैं.
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अचानक से तेज सिरदर्द हो सकता है
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बाहों या पैरों में कमजोरी, झुनझुनी या बॉडी का एक भाग सुन्न हो सकता है
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उलटी अथवा मितली की समस्या उत्पन्न हो सकती है
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आंखों की रोशनी में परिवर्तन देखने की मिल सकता है
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इस दौरान आप खुद को संभाल पाने में सक्षम नहीं पाएंगे
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बोलने या समझने में कठिनाई होने लगेगी
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किसी चीज को समझने में कठिनाई होने लगेगी, दिमाग धीरे काम करेगा,
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बेहोशी भी हो सकती है
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हाई बीपी के मरीज को रात के समय या अहले सुबह पूरे ढके रहना चाहिए. कोशिश करना चाहिए कि ठंड न लगे.
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इसके अलावा बीपी की नियमित जांच करवाते रहना चाहिए और इसे नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए.
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इसके लिए आप जांच की इलेक्ट्रॉनिक मशीन आसानी से मिल जाती है. इसे पास में रख सकते हैं.
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यही नहीं आपको इस दौरान तला-भुना खाना या ऐसे फूड्स व ड्रिंक्स को छोड़ देना चाहिए जो बीपी को बढ़ा सकते है.
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नमक का सेवन हाई बीपी के मरीज को ऊपर से नहीं करना चाहिए.
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Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.