Breast Cancer Awareness : क्या ब्रेस्टफीडिंग से घटता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा?

Breast Cancer Awareness : महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है खास कर के मेन्यूपौज़ के पहले. जी हां आपने सही पढ़ा जितना ज्यादा महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीड कराती हैं उतना ही वह उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचाता है.

By Shreya Ojha | July 5, 2024 11:06 PM

Breast Cancer Awareness : महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है खास कर के मेन्यूपौज़ के पहले. जी हां आपने सही पढ़ा जितना ज्यादा महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीड कराती हैं उतना ही वह उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचाता है. 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार वह में जो अपने बच्चों को 1 साल तक अपना दूध पिलाती है उनमें टेस्ट कैंसर डेवलप करने की संभावना कम होती है और भाई जो मैं अपने बच्चों को 2 साल से ज्यादा समय तक दूध पिलाती हैं उन पर इसका दुगना असर होता है चलिए चाहते हैं या किसी तरह से महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है.

Breast Cancer Awareness : ब्रेस्टफीडिंग के फायदे

हार्मोनल बदलाव

ब्रेस्टफीडिंग से आपकी माहवारी देर से आती है जिससे एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का सेक्रेशन काम हो जाता है यह हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर सेल की के विकास में कारक का काम करता है. इसीलिए इस हार्मोन का शरीर में काम होना ही बेहतर होता है और ब्रेस्टफीडिंग से इसका सेक्रेशन शरीर में काम होता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर के होने का खतरा टलता है.

कोशिकाओं का बदलाव

लगातार ब्रेस्टफीडिंग करने से ब्रेस्ट की सेल्स बदलती रहती है जिससे वह उन बदलावों की आदी हो जाती हैं जो कैंसर सेल की ग्रोथ होने में मदद करते हैं. दरअसल ब्रेस्टफीडिंग ब्रेस्ट में रक्त प्रवाह को बेहतर करता है और ब्रेस्ट टिशूज बदलते रहते हैं इस तरह का बदलाव पोटेंशियल डीएनए डैमेज को कम करने में मदद करता है जिससे कैंसर के होने के खतरा कम होता है.

ओव्युलेशन कम करना

ब्रेस्टफीडिंग से ओवेरियन कैंसर का खतरा भी काम होता है क्योंकि यह अंडा बनने की प्रक्रिया को कम कर देता है और महिलाएं जितना कम ओव्युलेट करती हैं है उतना उनके शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन कम होता है और इसी के साथ एब्नार्मल सेल्स जो कैंसर में बदल सकती हैं, उनके बनने का खतरा भी कम हो जाता है.Breast Cancer Awareness: अगर आपको ब्रेस्टफीडिंग का लाभ उठाना है तो आपको अपने बच्चों को कम से कम 6 महीने तक अपना ही दूध पिलाना चाहिए. यह न केवल आपके शिशु के लिए बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभप्रद हो सकता है. और अगर आप अपने बच्चों को 6 महीने से ज्यादा ब्रेस्टफीड करती है तो यह आपके लिए और भी ज्यादा लाभदायक हो सकता है. वैसे तो 6 महीने तक बच्चों को केवल मां का दूध ही मिलना चाहिए क्योंकि 6 महीने तक उसके शरीर को विकसित होने के लिए उसे जितने भी पोषण की जरूरत होती है वह सब मां के दूध में होता है और 6 महीने बाद या पोषण आधा हो जाता है. इसीलिए बच्चों को मां के दूध के अतिरिक्त पानी,, सूप और खिचड़ी जैसी चीजे दी जाती हैं. ब्रेस्टफीडिंग न केवल बच्चों के लिए हेल्दी होता है बल्कि महिलाओं के लिए भी होता है. जितना ज्यादा समय तक आप अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीड करेंगी उतना ज्यादा आपको ब्रेस्टकैंसर और ओवेरियन कैंसर से प्रोटेक्शन मिलेगी.

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