ब्रेस्टफीडिंग को लेकर महिलाओं में फैलाई गई ये 5 झूठ बातें, जानें सच्चाई

Breastfeeding Myths: भारत में पुराने समय से ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कुछ मिथ यानी झूठ चल रहे हैं. जिन पर आज भी कुछ लोग भरोसा रखते हैं. दरअसल, माना जाता है कि मां जिस तरह का खाना खाएगी, उसी तरह का दूध बच्चा पियेगा.

By Shashank Baranwal | January 27, 2025 9:54 PM
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Breastfeeding Myths: जन्म के बाद बच्चे के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है. यह बच्चे के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, जिसकी महत्ता को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है. यह बच्चे की शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास के लिए भी बहुत जरूरी होता है. मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है. ऐसे में बच्चे को 6 महीने तक जरूर स्तनपान कराना चाहिए, क्योंकि मां के दूध के बच्चे को ताकत और पोषण मिलता है. हालांकि, भारत में पुराने समय से ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कुछ मिथ यानी झूठ चल रहे हैं. जिन पर आज भी कुछ लोग भरोसा रखते हैं. दरअसल, माना जाता है कि मां जिस तरह का खाना खाएगी, उसी तरह का दूध बच्चा पियेगा. ऐसे में मां को कुछ चीजें खाने से मना किया जाता है.

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  • जिन्हें पहली बार मां बनने का सौभाग्य मिला है, उन्हें अक्सर मटर, चना, उड़द और मसूर खाने को मना किया जाता है या कम खाने को कहा जाता है. ऐसी धारणाएं  हैं कि इससे बच्चे का पेट खराब होता है. हालांकि, ये महज कहने में हैं वास्तविकता में इसका कोई लेना देना नहीं है.
  • जब मां को बुखार आता है, तो बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से मना किया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि बुखार में बच्चे को दूध पिलाने से बच्चे को भी बुखार आ जाता है. हालांकि, वास्तव में ऐसा नहीं होता है.
  • अक्सर माताएं सुनती रहती हैं कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को दूध कम आता है. लेकिन ऐसा नहीं है, बच्चे के पेट के बराबर मां के स्तन में दूध बनता रहता है. बच्चे के लिए दूध कभी कम नहीं होता है.
  • अक्सर कुछ लोगों की धारणा रहती है कि बच्चे को सिर्फ 20 मिनट तक ही दूध पिलाना चाहिए. लेकिन ये मान्यताएं गलत होती हैं. शिशु को अपने हिसाब से दूध पी लेने देना चाहिए.
  • अक्सर माताओं को सलाह दी जाती है कि बच्चे को दूध पिलाने से पहले स्तन को साफ करना बहुत जरूरी होता है. हालांकि, ऐसा नहीं है निपल्स के आसपास एरोला होता है, जो कि तरल पदार्थ पैदा करता है, जिससे निपल्स क्लीन होता रहता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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