Urinary Tract Infection: क्या आपको बार – बार पेशाब लगता है. पेशाब में जलन महसूस भी महसूस होती है और शरीर काफी थका हुआ महसूस करता है तो इन बातों को इग्नोर ना करें ये स्वास्थ्य की परेशानियों में शामिल यूटीआई के संकेत हो सकते हैं.
यूटीआई ई-कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है. ये बैक्टीरिया जब मूत्र मार्ग को संक्रमित करते हैं तो समस्याएं तेजी से सामने आने लगती हैंं. इसमें पेशाब में जलन और पेट में दर्द कभी – कभी इतना बढ़ जाता है कि इसे झेलना बहुत मुश्किल हो जाता है .
मूत्र मार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई ई-कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है. ये बैक्टीरिया जब यूरिनरी ट्रैक्ट को संक्रमित करते हैं तो स्वास्थ्य परेयाानियां ख़ड़ी होने लगती हैं. अगर वक्त पर इसके लक्षणों को नोटिस नहीं किया गया तो यह किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं को प्रभावित करने लगता है जो अन्य गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है.
मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षणों की बात करें तो इसका सबसे सामान्य लक्षण है बार- बार पेशाब लगना और इस दौरान जलन की समस्या, इसके अलावा पेट के निचले हिस्से में दर्द भी होता है. अगर इंफेक्शन अधिक फैल जाता है तो यह लोवर बैक पेन का कारण बन जाता है. इंफेक्शन के बढ़ने से बुखार हो जाता है. उल्टी लगने के साथ काफी सुस्ती भी लगती है पेशाब में बदबू भी आती है.
यूटीआई का इलाज और बचाव : यूटीआई के लक्षणों के बाद बात करें इसके इलाज और बचाव के बारे में तो कई बार माइल्ड यूटीआई बिना दवाइयों के भी ठीक हो जाते हैं लेकिन कई बार संक्रमण बढ़ने पर एंटीबायोटिक दवाएं लेना बहुत जरूरी हो जाती हैं.
यूटीआई होने पर डॉक्टर संक्रमित शख्स को दवाओं के साथ- साथ खूब पानी पीने की सलाह देते हैं. इसके अलावा
गंदे शौचालयों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए
अधिक कैफिन, कार्बाेनेटेड ड्रिंक्स और खट्टे,मसालेदार खाना से बचें.
साफ-सफाई का खास ख्याल रखना जरूरी है.
अगर बहुत अधिक तंग कपड़े पहनते हैं तो उससे बचे क्योंकि पसीने से अधिक बैक्टीरियल ग्रोथ होता है.
हमेशा आरामदायक कपड़े़ पहन और सूती अंडरगारमेंट्स का उपयोग करें
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, यूटीआई पुरुषों और महिलाओं दोनों को होने वाली एक आम समस्या है अगर समय पर इसकी पहचान कर लिया जाए तो डॉक्टर की सलाह से निदान पा सकते हैं.
यूटीआई की परेशानियों से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय भी हैं जिन्हें आजमाने से राहत मिल सकती है. जैसे कि नारियल पानी, पुदीने और सौंफ का पानी, चावल का पानी, आंवले का रस धनिये के बीज को रात में पानी में भिगोकर सुबह छानकर इसमें मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं .सेब का सिरका भी बैक्टीरिया के इंफेक्शन से बचाता है.
Also Read: स्मोकिंग से सिर्फ लंग्स ही नहीं, धीरे- धीरे बर्बाद हो जाते हैं ये बॉडी ऑर्गन्सDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.