बन रही है ऐसी Chewing Gum, जिसे चबाते ही मुंह में खत्म हो जाएगा Coronavirus

Chewing Gum That May Cut Covid Transmission: जल्द ही कोरोना को खत्म करने के लिए च्यूइंग गम (Chewing Gum) का इस्तेमाल किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2021 5:18 PM
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Chewing Gum That May Cut Covid Transmission: कोरोना महामारी (corona) ने सारी दुनिया में उथल पुथल मचा दी है. इससे लड़ने के लिए कई तरह के टीके विकसित किए जा चुके हैं और अब भी वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं. खबर है कि जल्द ही कोरोना को खत्म करने के लिए च्यूइंग गम (Chewing Gum) का इस्तेमाल किया जाएगा.

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क्या खास है च्यूइंगगम में

वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पौधों में एसीई2 तैयार किया. इससे प्रोटीन युक्त एक च्युइंगम बनाई जा रही है जो SARS-CoV-2 वायरस के लिए एक जाल के तौर पर काम करेगा. अमेरिका स्थित पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के हेनरी डेनियल ने बताया कि सार्स-कोवी-2 लार ग्रंथी में प्रतिकृति बनाता है. मोलेक्यूलर थेरेपी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डेनियल ने कहा कि यह च्युइंग गम लार में वायरस को न्यूट्रल कर देता है.

इसे रोग के संक्रमण के स्रोत को संभावित रूप से बंद करने का एक सामान्य तरीका कहा जा सकता है. बता दें कि कोरोना महामारी से पहले डेनियल हाई बीपी के इलाज को लेकर एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 (ACE2) प्रोटीन का अध्ययन कर रहे थे. उनकी प्रयोगशाला में ही इस प्रोटीन को विकसित किया गया था. इसे अब कोरोना से लड़ने में सक्षम माना जा रहा है और इसी को लेकर वैज्ञानिक च्युइंग गम विकसित कर रहे हैं.

रिसर्च से सामने आई ये बात

मोलेक्यूलर थेरेपी जर्नल (Molecular Therapy Journal) में प्रकाशित शोध का नेतृत्व करने वाले डेनियल ने कहा, ‘च्युइंगम का गोंद लार में वायरस को बेअसर करने का मौका प्रदान करता है, जो कोरोना वायरस के संचरण के स्रोत को कम करने का आसान तरीका हो सकता है.’ बता दें कि कोरोना महामारी से पहले डेनियल उच्च रक्तचाप के इलाज को लेकर एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 (ACE2) प्रोटीन का अध्ययन कर रहे थे. उनकी प्रयोगशाला ने इस प्रोटीन को विकसित किया था.

ऐसे तैयार हुआ च्यूइंग गम?

शोधकर्ताओं के अनुसार एसीई2 का इंजेक्शन गंभीर संक्रमण वाले मरीजों में वायरस की संख्या को घटा सकता है. च्यूइंग गम का परीक्षण करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पौधों में एसीई2 तैयार किया, उसे अन्य यौगिक के साथ संलग्न किया ताकि वह प्रोटीन के जुड़ने में सहायक हो सके. इसके बाद पौधे की सामग्री को गम टैबलेट में तब्दील किया गया. रिसर्च टीम वर्तमान में ये मूल्यांकन करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है.

Posted By: Shaurya Punj

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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