छठ पूजा की शुरुआत आज नहाए खाए के साथ हो चुकी है, इस महापर्व पर सूप, ईख, ठेकुआ, मौसमी फलों का विशेष महत्व है. इनके बिना छठ पूजन अधूरा माना जाता है.
छठ पूजा के प्रसाद का महत्व
छठ पूजा में वैसे तो कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैंं लेकिन उसमें सबसे अहम ठेकुए का प्रसाद होता है, जिसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है. छठ के सूप में इसे शामिल करने के पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ऐसे में ठंड से बचने और सेहत को ठीक रखने के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद होता है.
ठेकुए के बिना पूजा है अधूरी
छठ पूजा में वैसे तो कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं लेकिन उसमें सबसे अहम ठेकुए का प्रसाद होता है, जिसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है. छठ के सूप में इसे शामिल करने के पीछे यह कारण है कि छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ऐसे में ठंड से बचने और सेहत को ठीक रखने के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद होता है.
केले का महत्व
छठ में केले का भी खास महत्व है. यही वजह है कि प्रसाद के रूप में इसे बांटा और ग्रहण किया जाता है. इसके पीछे तर्क यह है कि छठ पर्व बच्चों के लिए किया जाता है और सर्दियों के मौसम में बच्चों में गैस की समस्या हो जाती है. ऐसे में उन्हें इस समस्या से बचाने के लिए प्रसाद में केले को शामिल किया जाता है.
प्रसाद में डाभ नींबू
छठ के प्रसाद में डाभ नींबू जो कि एक विशेष प्रकार का नींबू है चढ़ाया जाता है. ये दिखने में बड़ा और बाहर से पीला व अंदर से लाल होता है. आपको बता दें डाभ नींबू हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है और ये हमें कई रोगों से दूर रखता है. डाभ नींबू हमें बदलते मौसम में बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.