Noida News: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ नोएडा में बच्चों की डायलिसिस की सुविधा शुरू

गुर्दे (Kidney) की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को अपना जीवन बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर डायलिसिस (Dialysis) करवाना पड़ता है. अब तक क्षेत्र के ऐसे बच्चों को दिल्ली या नोएडा के प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर डायलिसिस करवाना पड़ता था. अब यह सुविधा PGICHC Noida में भी मिल जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2022 4:30 PM
an image

Noida: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (Post Graduate Institute of Child Health) नोयडा में किडनी (Kidney) की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को अब डायलिसिस की सुविधा भी मिल सकेगी. बुधवार को इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो.अजय सिंह ने डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन किया.

प्रो. अजय सिंह ने इस मौके पर कहा कि डायलिसिस यूनिट उन बच्चों के लिए वरदान का कार्य करेगी, जिन्हें गुर्दे की गंभीर बीमारी है. ऐसे बच्चे जो नियमित रूप से डायलिसिस पर निर्भर हैं और ऐसे कई बच्चे हैं जो गुर्दा प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनको अब डायलिसिस के लिये इंतजार नहीं करना होगा.

उन्होंने बताया कि गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को अपना जीवन बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर डायलिसिस करवाना पड़ता है. अब तक क्षेत्र के ऐसे बच्चों को दिल्ली या नोएडा के प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर डायलिसिस करवाना पड़ता था. आज से ऐसे बच्चों को डायलिसिस की सुविधा संस्थान में ही मिल जाएगी.

प्रो. अजय सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICHC) के लगातार उन्नयन एवं विकास में समर्थन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि संस्थान में जल्द ही बच्चों के इलाज से जुड़ी आधुनिकतम सेवायें मुहैया करायी जायेंगी. डायलिसिस इंचार्ज डॉ. प्रभात रंजन ने बताया कि वर्तमान में संस्थान में दो मशीनों से मरीजों की डायलिसिस होगी.

डॉ. प्रभात ने बताया कि कई बार कुछ रोगी अचानक गुर्दे की विफलता में भी जा सकते हैं. जैसे कि क्रॉनिक हाइपरकलेमिया, लंबे समय तक पेशाब बंद रहना आदि परिस्थितियों में संस्थान में उपलब्ध डायलिसिस सुविधा एक जीवन रक्षक प्रक्रिया के रूप में कार्य करेगा. भविष्य में मरीजों की संख्या के अनुसार डायलिसिस मशीन बढ़ायी जायेंगी.

पीजीआईसीएचसी के निदेशक प्रो. अजय सिंह ने बताया कि इस सुविधा का लाभ लेने वाला पहला बच्चा 13 वर्षीय एक बच्चा है, जो कि जेवर का रहने वाला है. इस मौके पर प्रो. ज्योत्सना मदान, सीएमएस प्रो. डीके सिंह, एमएस डॉ. आकाश राज मौजूद थे.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Exit mobile version