पीएमसीएच के ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जन डॉ. महेश प्रसाद ने कहा कि मल्टी ड्रग्स रेसिस्टेंस(एमडीआर) टीबी में पारंपरिक दवा काम नहीं करती है. ऐसे में जरूरी है कि बॉयोप्सी से जीन एक्सपर्ट टेस्ट करा लें. तब कारगर टीबी की दवा पता चलेगा. फिर दवा दें. तभी मरीज ठीक होगा. डॉ. महेश प्रसाद पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत के स्पाइन सर्जन के एक कांफे्रंस में ‘इंफेक्शन ऑफ स्पाइन: डिफरेंट मॉडलिटी ऑफ ट्रीटमेंट एंड इंवेस्टीगेशन’ विषय पर चर्चा के दौरान पैनलिस्ट के रूप में ये बातें बताईं. स्पाइन सोसाइटी ऑफ वेस्ट बंगाल की ओर से कोलकाता में आयोजित तीन दिवसीय एसएसडब्ल्यूबीसीओएन-2023 में 200 से ज्यादा स्पाइन विशेषज्ञ जुटे हैं.
डॉ. महेश प्रसाद ने कहा कि डॉक्टर बिना जांच किए टीबी की दवा चला देते हैं. इससे एंटी बॉयोटिक बेअसर हो जाता है. एक शोध पत्र पर चर्चा के दौरान डॉ. महेश ने बताया कि कमर दर्द, स्पाइनल इंज्युरी के साथ -साथ इंफेक्शन भी अगर हो तो विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में जरूरत के मुताबिक ही ऑपरेशन करना चाहिए. मरीज विशेष की स्थिति पर निर्भर करता है कि ऑपरेशन जरूरी या नहीं है. ज्यादातर मामले में ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती है.
डॉ. महेश प्रसाद बताया कि स्पाइन की समस्या वैश्विक स्तर पर लगभग एक जैसी है. लेकिन भारत, बांग्लादेश, नेपाल आदि देशों में टीबी की समस्या काफी है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.