देश भर में जहां कोरोना की दूसरी लहर लोगों को परेशान कर रही है, वहीं एक और बीमारी ब्लैक फंगस अब इंसान के लिए सबब बन गया है. देश भर में ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानि म्यूकरमाइकोसिस (Mukermycosis) के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ट्विटर पर लोगों को सलाह दी कि किस तरह इस संक्रमण में अपनी देखरेख करें. दुर्लभ किस्म की यह बीमारी कोरोना से उबरे मरीजों में तेजी से पनप रही है. शुरुआती मामले गुजरात और राजस्थान में सामने आए हैं. लेकिन उत्तर भारत में भी अब इसका प्रकोप दिखने लगा है.
#Mucormycosis, commonly known as '#BlackFungus' has been observed in a number of #COVID19 patients recently.
Awareness & early diagnosis can help curb the spread of the fungal infection. Here's how to detect & manage it #IndiaFightsCorona @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/lC6iSNOxGF
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021
क्या है म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस?
पहली स्लाइड में म्यूकरमायकोसिस की परिभाषा को बताते हुए कहा गया है कि यह एक फंगल इन्फेक्शन है और मुख्य रूप से यह मेडिकल हेल्थ समस्याओं वाले लोगों को प्रभावित करता है. जिनमें पर्यावरण में रहने वाले संक्रमण से लड़ने की उनकी क्षमता को कम कर देता है. खासकर डायबिटीज़. पहले से स्वास्थ्य परेशानियां झेल रहे शरीर में वातावरण में मौजूद रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या दूसरे पैथोजन्स से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है.
कोई व्यक्ति म्यूकरमाइकोसिस से कैसे संक्रमित हो जाता है?
दूसरी स्लाइड में इस बात का जवाब दिया गया है कि किस तरह लोग इस संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हों, जिनकी वेरिकोनाज़ोल थेरेपी यानि किसी गंभीर फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा हो, जिनका डायबिटीज नियंत्रण में न हो, स्टेरायड देने की वजह से इम्यूनिटी पर असर हुआ हो और जो लंबे वक्त से आईसीयू में रहे हैं. उन्हें ये फंगल इन्फेक्शन जल्दी हो सकता है.
क्या करें –
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हाइपरग्लाइसीमिया यानी खून में शर्करा की मात्रा को कंट्रोल करने की कोशिश करें
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कोविड से डिस्चार्ज होने के बाद या फिर डायबिटीज़ में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करते रहें
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स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें
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ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडीफायर्स में साफ, स्टराइल पानी का इस्तेमाल करें
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एंटीबायोटिक्स या एंटी फंगल दवाइयों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें
क्या न करें
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संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
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बंद नाक के हर मामले में यह न समझें कि यह बैक्टीरियल साइनसाइटिस की वजह से है, खासकर ऐसे मरीजों में जिनकी मेडिकेशन के वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है
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फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए बड़े कदम उठाने से हिचकिचाएं नहीं
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म्यूकरमाइकोसिस हो तो इसका इलाज शुरू करने में जरा भी वक्त न गवाएं
Posted By: Shaurya Punj