Corona Vaccination In India कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत 16 जनवरी से हो गयी है. कोरोना वायरस के न्यू स्ट्रेन के खतरे के बीच भारत में वैक्सीनेशन अभियान के पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में पहले दिन 1,91,181 लोगों को कोरोना की टीका लगाया गया. इसमें हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं.
उम्मीद जतायी जा रही है कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान के सफल होने के साथ ही देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में बड़ी कामयाबी मिलेगी. अमूमन वैक्सीन को तैयार करने में कई साल लगते हैं, लेकिन भारत में कम समय में ही दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं. साथ ही कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से चल रहा है. फिलहाल, जरूरत के हिसाब से वैक्सीन लगाने का पैमाना तय किया गया है. आगे चलकर अधिक संख्या में वैक्सीन के तैयार होने पर भारतीयों को आसानी से और कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध होने की बात सामने आ रही है.
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के सफल होने से कैंसर, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए फायदा पहुंचेगा. दरअसल, कई अध्ययनों के अनुसार, पहले से कैंसर, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए कोरोनावायरस ज्यादा घातक साबित हुआ है. जानकारी के अनुसार, इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद करीब 70 प्रतिशत से अधिक की मौत हो गयी. अब वैक्सीन के आने के बाद भारत में ऐसे मरीजों की मृत्यु दर में कमी आने की संभावना जतायी जा रही है.
मालूम हो कि भारत में कैंसर, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे में दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण से इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों के जान का खतरा बढ़ गया है. अब वैक्सीन के आने के बाद इन मरीजों की उम्र को बढ़ाने में कामयाबी मिलने की बात कही जा रही है.
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Upload By Samir Kumar
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