China Corona Vaccine, covid vaccine, Manufacturing, Health News : चीन से कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. दरअसल, चीनी अधिकारियों के अनुसार बीजिंग में इस साल के अंत तक 600 मिलियन अर्थात 60 करोड़ से अधिक वैक्सीन का उत्पादन करने की योजना है. जैसा कि ज्ञात हो दुनियाभर में कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु प्रयास जारी है और वैक्सीन पर विभिन्न देशों द्वारा शोध किए जा रहे है.
इसी क्रम में चीन भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया है कि इस साल के अंत तक 610 मिलियन वैक्सीन डोज का उत्पादन कर लिया जाएगा. इसके लिए प्रयास जारी है. वहीं, अगले साल तक इसकी उत्पादन क्षमता को कम से कम एक अरब डोज तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी.
आपको बता दें कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वू युआनबिन ने कहा है कि चीन में 11 कंपनियों द्वारा बनाए गए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल फिलहाल जारी है. इनमें से 4 ने तीसरे चरण के ट्रायल में इंट्री मार ली है, बाकी भी सुचारू रूप से प्रगति कर रहे हैं.
वू की मानें तो वर्तमान में चीन का कोविड-19 वैक्सीन बाकी देशों की तुलना में ज्यादा बेहतर स्थिति में दिख रहा है. उन्होंने बताया है कि वैक्सीन का अभी तक कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. सभी वॉलंटियर्स पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है.
वहीं, अन्य अधिकारियों ने कहा है कि जुलाई से पहले ही बंदरगाहों, अस्पतालों और अन्य जोखिम वाले स्थानों पर वैक्सीन का डोज दिया जा चुका है. इस प्रयोगात्मक वैक्सीन को हजारों श्रमिकों के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों व अन्य लोगों को भी देकर देखा जा चुका है. उनमें भी कोई दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिला है. उन्होंने बताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के समर्थन से ही ये कार्यक्रम सफलतापूर्वक किया गया है.
हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक अधिकारी झेंग झोंगवेई ने कहा कि आपातकालीन तौर पर यह वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है. लेकिन, इसका सकारात्मक प्रभाव पूरी तरह से प्रमाणित अभी होना बाकी है. झेंग ने बताया कि हमारा वैक्सीन जनता के लिए बेहद सस्ते दाम में उपलब्ध होगा.
वू ने बताया है कि वर्तमान में कुल मिलाकर 59 कंपनियां चीन में वैक्सीन पर कार्य कर रही है. नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) और उसकी सहायक सिनोपार्म द्वारा चीन में दो वैक्सीन का निर्माण किया जा रहा है. जिसका तीन चरण का परीक्षणों भी हो चुका है. यह परिक्षण में 35,000 से अधिक लोगों पर किया जा चुका है.
वहीं, सिनोवैक वैक्सीन द्वारा एक और वैक्सीन का निर्माण अपने चरम पर है. इसका दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में तीन चरण के परीक्षण किए जा चुके हैं. जबकि, कैनसिनो बायोलॉजिक्स और चीनी सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक वैक्सीन को यूरोप और एशिया के देशों में तीसरे चरण के परीक्षणों के लिए अनुमति दी जा चुकी है.
इधर, बात करें रूस के दावों की तो उसने भी दुनिया का पहला कोरोना वायरस वैक्सीन, स्पुतनिक वी बना लेने की हाल में ही घोषणा की थी. लेकिन, अभी यह भी क्लिनिकल परीक्षणों से गुजर रहा है.
Note : उपरोक्त जानकारियां अंग्रेजी वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स से ली गयी है.
Posted By : Sumit Kumar Verma