तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण लोग सामान्य फ्लू की चपेट में आ रहे हैं. किसी को बुखार, सर्दी तो किसी को सूखी खांसी की समस्या हो रही है. गले में हल्का दर्द की समस्या होने पर लोग सहम जा रहे हैं. इन लक्षणों को कोरोना वायरस मानने लग रहे हैं. आशंकित व्यक्तियों की चिंता बढ़ जा रही है. लॉक डाउन और ओपीडी बंद होने के कारण लोगों को डॉक्टरी परामर्श भी नहीं मिल पा रहा है. इसी डर को दूर करने के लिए प्रभात खबर ने एक पहल की है.
शहर के तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल बनाया है़ इसमें एक मेडिसिन, एक छाती रोग और एक नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. आप डॉक्टरों के इस पैनल पर सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक परामर्श ले सकते हैं. व्हाट्सऐप पर भी अपनी समस्या बता सकते हैं. इसी को लेकर रविवार को प्रभात खबर टेली काउंसेलिंग की व्यवस्था की गयी है. काउंसेलिंग में झारखंड और बिहार के 115 पाठकों ने सवाल पूछे.
अगर आपको गले में दर्द और बुखार नहीं है तो यह कोरोना का लक्षण नहीं है. बार-बार गले को साफ नहीं करें. कई बार ज्यादा गला साफ करने के प्रयास में खखार के साथ खून आ जाता है. हल्का गुनगुना पानी से गरारा करें.
अगर खांसी के साथ बुखार व गले में दर्द नहीं है. आप कहीं से यात्रा करके नहीं आये हैं, तो घबराने की बात नहीं है. आपकी खांसी का कारण सिगरेट हो सकता है, इसलिए धूम्रपान छोड़ दें.
जवाब : कोरोना से जुड़ी ज्यादा खबरें ना देखें ना सुनें. आपको जितनी जानकारी चाहिए आप जान चुके हैं. कहीं से भी अधिक जानकारी एकत्र करने का प्रयास छोड़ें, क्योंकि ये आपकी मानसिक स्थिति को कमजोर ही करेगा. संगीत व भजन सुनेंे. बच्चों के साथ गेम खेलें.
कोरोना वायरस एक श्वसन वायरस है जो मुख्य रूप से बूंदों के माध्यम से फैलता है. एक संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो लार की बूंदों के माध्यम या नाक से वह आपके शरीर में पहुंचता है. यह मांसाहारी भोजन के सेवन से नहीं फैलता है.
जन्मजात हृदय रोग या अस्थमा से पीड़ित बच्चे व्यायाम या किसी शारीरिक गतिविधियों के दौरान आसानी से थक जाते हैं. सांस तेज लेने लगते हैं. कुछ मामलों में बेहोश भी हो जाते हैं. एकोकार्डियोग्राफी व चेस्ट एक्सरे की जांच करायें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.