सांसों से और बात करने से भी फैल सकता है Coronavirus, अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा

coronavirus spread through air कोरोनोवायरस, बात करने के दौरान सांस लेने से भी फैल सकता है. यह बात हम नहीं, बल्कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कही है. उन्होंने कहा है कि इस वायरस को जितना हमलोग सुनते आए है उससे भी खतरनाक है. और लोगों में हवा के जरिये भी फैल रहा है.

By SumitKumar Verma | April 4, 2020 1:32 PM

कोरोनोवायरस, बात करने के दौरान सांस लेने से भी फैल सकता है. यह बात हम नहीं, बल्कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कही है. उन्होंने कहा है कि इस वायरस को जितना हमलोग सुनते आए है उससे भी खतरनाक है. और लोगों में हवा के जरिये भी फैल रहा है.

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वैज्ञानिकों ने कहा कि जब लोग सांस छोड़ते हैं तो संक्रमित व्यक्ति से पैदा होने वाला यह वायरस हवा के जरिये भी फैलता है. डॉ हार्वे फाइनबर्ग, जो नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने एक पत्र जारी करते हुए यह दावा किया है.

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आपको ज्ञात होगा ही कि कैसे यह वायरस चीन के एक छोटे से शहर वुहान से शुरू होकर आज करीब 200 देश में पहुंच चुका है. तीन से चार महीने में इस वायरस से करीब 50000 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि दुनियाभर में करीब दस लाख लोग प्रभावित है. वायरस फैलने की तीव्रता को देखते हुए अमेरिकी वैज्ञानिक की बात सच ही लग रही है. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि यह वायरस सिर्फ र्स्पश करने से ही फैलता है.

इस एयरबोर्न वायरस से भारत जैसे अत्यधिक आबादी वाले देशों को विशेष रूप से बचने की जरूरत है. क्योंकि यहां मुंबई के धारावी जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके है. सरकार ने यहां फिलहाल लॉकडाउन लगा रखा है, बावजूद इसके लोग नहीं मान रहे है. दिल्ली मरकज का मामला हो अन्य, लॉकडाउन के दौरान ऐसी कई तस्वीरें सामने आयी हैं, जो इसके प्रति लोगों की गंभीरता दिखाती हैं.

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डॉ जैकब जॉन की मानें तो यह वायरस मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक संक्रामक है. दरअसल डॉ जैकब क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर है.

COVID-19 के सबसे आम लक्षण बुखार, खांसी और थकान हैं. जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है.

हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वायरस हवा के जरिये लोगों को संक्रमित कर सकता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, वायरस की यह बूंदें दो मीटर तक फैल सकती हैं. जो दूषित सतहों और वस्तुओं से टकराती हैं, जिसे लोग छूने के बाद संक्रमित हो सकते हैं. यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ ने लोगों को नंगी हांथों से अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से बचने को कहते हैं.

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