Coronavirus Origin : चीन की लैब में बना है कोरोना वायरस ? WHO पर जवाब तलाशने का दबाव बढ़ा
Covid 19 Origin in CHINA : कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से ही इसकी उत्पत्ति को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे लैब में तैयार करने का आरोप तक लगा दिया है. यदि आपको याद हो तो अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे 'चीनी वायरस' बता दिया था. corona virus, wuhan, chinese lab, who, world health organization, corona,कोरोना वायरस, वुहान, चीनी लैब, डब्ल्यूएचओ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, कोरोना
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दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे लैब में तैयार करने का आरोप लगाया
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अमेरिका और ब्रिटेन इस वायरस की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच कराना चाहता है
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है
Covid 19 Origin in CHINA : कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से ही इसकी उत्पत्ति को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे लैब में तैयार करने का आरोप तक लगा दिया है. यदि आपको याद हो तो अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे ‘चीनी वायरस’ बता दिया था. अब अमेरिका और ब्रिटेन इस वायरस की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ,WHO ) पर लगातार दबाव बनाने का काम कर रहा है.
दरअसल अमेरिका और ब्रिटेन कोविड-19 की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर लगातार दबाव बना रहे हैं. दोनों देशों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम को चीन का नये सिरे से दौरा पर जाना चाहिए.
गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ और चीनी विशेषज्ञों ने गत मार्च में एक रिपोर्ट जारी करके इस महामारी के उत्पन्न होने की चार संभावनाओं के बारे में जानकारी सबके सामने रखी थी. इस संयुक्त टीम का मानना है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से किसी अन्य जानवर के माध्यम से आया और लोगों में ये प्रवेश करता गया.
उस वक्त संयुक्त टीम ने कहा कि इसकी संभावना ‘‘बेहद कम” है कि यह वायरस किसी प्रयोगशाला में तैयार किया गया. जिनेवा में अमेरिकी मिशन ने पिछले दिनों एक वक्तव्य जारी करके कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर संयुक्त टीम की ओर से की गयी पहले चरण की जांच “अपर्याप्त और अनिर्णायक” है. इसलिए तय समय के भीतर पारदर्शी तरीके से विशेषज्ञों के नेतृत्व में साक्ष्य-आधारित दूसरे चरण की जांच कराने की जरूरत है. इसके लिए दोबारा चीन का दौरा किया जाना चाहिए.
Posted By : Amitabh Kumar
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