नयी दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भारत की जंग जारी है. चिकित्सकों, नर्सों, पुलिस और अन्य आवश्यक सेवा प्रदाताओं सहित फ्रंटलाइन कार्यकर्ता कोरोना महामारी के खिलाफ सख्ती से लड़ रहे हैं. कोरोना महामारी के इस दौर में हमें स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार की सुरक्षा भी जरूरी है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में शुक्रवार को 3,62,727 नये कोरोना संक्रमित सामने आये. हालांकि, इसमें मामूली गिरावट देखी गयी.
कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ने और कई राज्यों में लॉकडाउन लागू होने से देश में डर का माहौल है. लोग दहशत में हैं. हममें से कई लोगों ने देश छोड़ने के बारे में भी सोचा था. लेकिन, भरोसा करें, आप अब भी सुरक्षित जगह पर हैं. हां, भारत की स्थिति अब भी कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर है. जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा किये गये विश्लेषण के अनुसार, भारत अब भी बेल्जियम, इटली, यूके और अमेरिका जैसे देशों की तुलना में रहने के लिए एक बेहतर जगह है.
अगर हम प्रति एक लाख की जनसंख्या पर मौतों की बात करें, तो बेल्जियम में 214 मौतें हुई हैं, जबकि इटली में 204, यूके में 191 और अमेरिका में 177 मौतें हुई हैं. जबकि, भारत में मौतों का आंकड़ा प्रति एक लाख की आबादी पर मात्र 18.01 है. फ्रांस, स्वीडन, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में प्रति एक लाख की आबादी पर क्रमशः 159, 138, 125, 117 और 102 लोगों की मौत होने की सूचना है.
विश्वविद्यालय ने वर्तमान में दुनिया भर में कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित 20 देशों में मृत्यु दर का विश्लेषण किया. अगर हम भारत में पुष्टि किये गये कोविड-19 मामलों पर एक नजर डालें, तो 1.3 अरब से अधिक की कुल आबादी वाले देश के लिए यह संख्या 2.26,62.575 है, जबकि अमेरिका में यह संख्या 3,27.07,750 है. वहीं, अच्छी खबर यह है कि तीन सबसे बड़े कोविड -19 हॉटस्पॉट पठार के क्षेत्र में हैं. ये महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और दिल्ली हैं.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में उछाल के बावजूद भारत में कोविड -19 की मृत्यु दर एक प्रतिशत से थोड़ा अधिक है. इसका तात्पर्य है कि करीब 99 फीसदी कोरोना मरीज ठीक हो रहे हैं. वहीं, कोरोना-19 के विभिन्न प्रकारों के कारण होनेवाली खतरनाक बीमारी से बच रहे हैं.
यदि हम आंकड़ों की बात करें, तो भारत में 1.12 फीसदी की कोरोना की मृत्यु दर और कोरोना से ठीक होनेवाले की दर 98.88 फीसदी है. साथ ही, अधिकतर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. होम आइसोलेशन में ही कोरोना मरीज स्वस्थ्य हो जाते हैं. निस्संदेह, हम कठिन समय से गुजर रहे हैं, लेकिन यह अब भी पूरी तरह से खराब कोविड -19 स्थिति में अच्छी खबर है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.