कोरोना का कहर इस बार युवाओं पर ज्यादा है. वायरस के चपेट में आने के बाद जब तक बेहतर इलाज कराने युवा अस्पताल आते हैं, उससे पहले उनके मल्टी ऑगर्न फेल्योर के शिकार हो चुके होते हैं. सीवान के एक युवक की मौत शुक्रवार को हुई. पूरी तरह स्वस्थ युवक के शरीर के अचानक कई अंग काम करना बंद कर दिये. अस्पताल में देर शाम एक युवक को भर्ती किया गया है. सांस लेने में उसे परेशानी थी.
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा लापरवाह युवा वर्ग ही पूर्व से देखा गया है. ऐसे में कोरोना वायरस की दूसरी लहर युवाओं को चपेट में ले रहा है. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब भी युवा खुद से ठीक होने की बात कहते हैं, जो धीरे-धीरे इनके लिए घातक हो रहा है. जेएलएनएमसीएच अस्पताल में अब तक कोरोना से जितनी मौत हुई है, उसमें युवाओं का प्रतिशत 40 है.
डॉ हेमशंकर शर्मा कहते है इस बार का वायरस ज्यादा खतरनाक है. युवा जो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं, वह वायरस के चपेट में आने के बाद गंभीर हो जा रहे हैं. सीवान के एक युवक की मौत मायागंज अस्पताल में हो गयी. कुछ दिनों से वह कोरोना संक्रमित था. उसका इलाज बेहतर तरीके से नहीं हो पाया, तो मायागंज अस्पताल लाया गया. बाहर के डॉक्टर ने युवक का न तो पैथोलॉजी न ही रेडियोलॉजी जांच करायी. मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगी. जांच करायी गयी, तो उसका किडनी, लीवर, फेफड़ा समेत कई अंग वायरस के चपेट में आ चुका था. जब तक हम कुछ कर पाते उससे पहले ही वह मल्टी ऑगर्न फेल्योर का शिकार हो गया. ऐसे कई मामले इस बार सामने आये हैं.
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डॉ हेमशंकर शर्मा कहते हैं अचानक मल्टी ऑगर्न फेल्योर होने की वजह क्या है, इसकी सटीक जानकारी नहीं है. हमारे यहां इस रोग पर रिसर्च करने की सुविधा नहीं है. ऐसे में कोरोना होने के बाद युवा इस हालत में कैसे पहुंच जाते है, इसकी परफेक्ट जानकारी नहीं है. ऐसे में युवाओं से आग्रह है वह खुद को सुरक्षित रखे.
वायरस के चपेट में आने के बाद तुरंत युवा बेहतर डॉक्टर के संपर्क में चले जाये. खुद की स्थिति को देखे. परेशानी हो, तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाये. रोग होने के बाद शरीर के सभी अंग की जांच बेहद जरूरी है. ऐसे में डरे नहीं, खुद को संभाले और बेहतर इलाज कराएं.
Posted By: Thakur Shaktilochan
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.