Coronavirus Vaccine: वैक्सीन नहीं लगवाने वाले दोस्‍तों से हो जाएं सावधान! जान लें यह खास बात

Coronavirus Vaccine: कुछ लोगों के मन में सवाल उठ सकता है कि वैक्सीनेशन करा चुका व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के वैक्सीनेशन की स्थिति को लेकर चिंतित क्यों होगा?

By Agency | October 29, 2021 6:44 AM

Coronavirus Vaccine : न्यू साउथ वेल्स, विक्टोरिया और ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (एक्ट) में लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद लोगों ने कार्यालयों में जाना फिर से शुरू कर दिया है और वे सामाजिक मेल-जोल बढ़ा रहे हैं, जबकि कई लोगों का अभी वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. वैक्सीनेशन करा चुके कई लोग वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले लोगों के संपर्क में आने को लेकर चिंतित हैं. वे ट्रेन में यात्रा करते समय और सुपरमार्केट जैसे स्थानों पर ऐसे लोगों के संपर्क में आ सकते हैं, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगा है.

इसके अलावा वे एक दिसंबर से कोविड प्रतिबंधों में और ढील दिए जाने के बाद पब और रेस्तरां में भी वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले लोगों के संपर्क में आ सकते हैं. कुछ लोगों के मन में सवाल उठ सकता है कि वैक्सीनेशन करा चुका व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के वैक्सीनेशन की स्थिति को लेकर चिंतित क्यों होगा? वैक्सीन लगवाने के बाद व्यक्ति के स्वयं संक्रमित होने और उसके कारण अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका भी कम हो जाती है. हालांकि वैक्सीनेशन गंभीर संक्रमण से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है लेकिन कुछ लोगों को फिर भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है.

वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कितनी आशंका है? विक्टोरियन स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट में पाया गया है कि वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों के वैक्सीन लगवा चुके लोगों की तुलना में संक्रमित होने की आशंका 10 गुना अधिक होती है. यदि मैं वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले किसी व्यक्ति के साथ समय बिताता हूं, तो इस बात की आशंका है कि वे संक्रमित हों और मुझे संक्रमित कर दें, लेकिन अगर उन्हें वैक्सीन लग चुका है, तो उनके संक्रमित होने की संभावना 10 गुणा कम हैं और मेरे उनसे संक्रमित होने की आशंका भी आधी रह जाएगी.

Also Read: Coronavirus Updates: त्योहार के बाद आएगी तीसरी लहर ? कोरोना से हो रही मौत ने लोगों को डराया

यानी यदि वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले व्यक्ति की तुलना में वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति से संक्रमित होने का जोखिम 20 गुणा कम है. यह गणना वैक्सीन के प्रकार और इस बात पर निर्भर करती है कि वैक्सीनेशन कराए कितना समय बीत चुका है. जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो सकता, उनकी सुरक्षा कैसे की जाए? कुछ लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाया है क्योंकि या तो उनकी आयु कम है या वे किसी ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जिससे कि उनका वैक्सीनेशन नहीं कराया जा सकता. कुछ ऐसे लोग हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है. ऐसे में उन्हें दोनों खुराक लेने के बावजूद समुदाय के अन्य लोगों की तरह संक्रमण से सुरक्षा नहीं मिल सकती. अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन कराके इन लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है.

वैक्सीन नहीं लगवा पाने वाले लोग यदि वैक्सीनेशन करा चुके लोगों के संपर्क में आते हैं, तो उनके संक्रमित होने की आशंका भी कम होती है. इसके अलावा वैक्सीनेशन नहीं करा पाने वाले लोग मास्क पहनकर, हाथ धोकर और इसी प्रकार की अन्य सावधानियां बरतकर खतरे को कम कर सकते है. क्या रैपिड एंटीजन जांच से मदद मिलती है? कुछ लोगों का सुझाव है कि जो लोग वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहते, उनकी बार-बार जांच करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. यदि आपने अपने घर पर रैपिड एंटीजन जांच की है, तो आपके संक्रमित होने की स्थिति में इस जांच का परिणाम सही आने की संभावना 64 प्रतिशत है. रैपिड एंटीजन जांच से लगभग दो-तिहाई मामलों का पता लग सकता है.

यदि आप किसी ऐसे स्थान पर जाते हैं, जहां सभी ने रैपिड एंटीजन जांच कराई है और जांच परिणाम में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई है, तो संक्रमण के जोखिम में तीन गुणा कमी होगी. रैपिड जांच से खतरा भले ही कम होता है, लेकिन यह वैक्सीन का स्थान नहीं ले सकती. यदि इन दोनों का साथ में इस्तेमाल किया जाए, तो यह अधिक फायदेमंद होगा.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version