खांसी सिरप पीने वालों को कोरोना का खतरा ज्यादा, नए वैज्ञानिक शोध में खुलासा

Cough syrup rise of coronavirus in human body कोरोना वायरस से बचने के प्रयास में दुनियाभर में शोध किए जा रहे है. ऐसे में नए-नए मामलों का खुलासा हो रहा है. वायरस के नए-नए लक्षणों का भी खुलासा हुआ है. हाल ही में सांइस मैगजीन में छपी एक रिर्पोट के मुताबिक कुछ खांसी के दवाओं के कारण कोरोना का संक्रमण शरीर में और तेजी से फैल सकता है. ऐसे में खांसी से पीड़ित कोरोना मरीजों के लिए यह शोध चिंता का विषय है.

By SumitKumar Verma | May 4, 2020 10:38 AM

Cough syrup rise of coronavirus in human body कोरोना वायरस से बचने के प्रयास में दुनियाभर में शोध किए जा रहे है. ऐसे में नए-नए मामलों का खुलासा हो रहा है. वायरस के नए-नए लक्षणों का भी खुलासा हुआ है. हाल ही में सांइस मैगजीन में छपी एक रिर्पोट के मुताबिक कुछ खांसी के दवाओं के कारण कोरोना का संक्रमण शरीर में और तेजी से फैल सकता है. ऐसे में खांसी से पीड़ित कोरोना मरीजों के लिए यह शोध चिंता का विषय है.

दरअसल, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लैब में इंसानों की कोशिकाओं पर खांसी की इन दवाओं की जांच की गई तो पता चला कि इन दवाओं में मौजूद एक केमिकल शरीर में कोरोना के संक्रमण को और तेजी से बढ़ा सकता है.

आपको बता दें कि यह शोध कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैन-फ्रांसिस्को स्कूल ऑफ फॉर्मेसी में की गई थी. इस शोध पर काम कर रहे ब्रायन सोईसेट ने बताया कि खफ सिरप को डॉक्टर मरीजों के खांसी को ठीक करने के लिए उपयोग में लाते है. उसमें मौजूद डेक्सट्रोमिथोर्फन (Dextromethorphan) केमिकल कोरोना वायरस से संक्रमित मरिजों के लिए बेहद खतरनाक है. इस रसायन की मदद से शरीर में कोरोना का संक्रमण और तेजी से फैल सकता है.

शोधकर्ता ब्रायन ने कहा कि इससे आम खांसी वाले मरीजों को बिल्कुल खतरा नहीं है लेकिन जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं उन्हें फौरन छोड़ देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमने यह प्रयोग मंकी सेल पर किया है. वहीं, व्यक्तियों पर इसका और बूरा प्रभाव पड़ने की संभावना है. आपको बता दें कि ब्रायन और उनकी टीम अंतराष्ट्रीय स्तर पर गठित वैज्ञानिकों के टीम का हिस्सा है जो कोरोना वायरस में पाये जाने वाले प्रोटीन और इंसानों में पाये जाने वाले प्रोटीन के बीच शोध कर रहे हैं.

क्यों खांसी की दवा से फैल सकता है कोरोना का संक्रमण

शोधकत्र्ता ब्रायन की मानें तो इंसान के फेफड़ों में पायी जाने वाली कोशिकाएं काफी तेजी से प्रोटीन निकालती है. जो वायरसों को आकर्षित करती हैं. इसी तरह मंकी सेल में पायी जानी वाली कोशिकाएं भी तेजी से फैलती है. उन्होंने बताया कि जैसे ही हमने सेल से निकलने वाले प्रोटीन में वायरस को डाला तो काफी तेजी से यह फैलने लगा.

आपको बता दें कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया तबाही के कगार पर जा रही है और सभी की नजरें वैज्ञानिकों पर ही टिकी है. लोगों को जल्द से जल्द वायरस के टिके का इंतजार है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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