Coronavirus Study: पुरुषों और महिलाओं को जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित होने का समान रुप से खतरा है, लेकिन पुरुषों पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ने और उनकी मौत होने का ज्यादा खतरा है. एक अध्ययन में यह जानकारी दी गयी है. इसमें यह भी बताया गया है कि कोविड-19 से संक्रमित बुजुर्ग पुरुषों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है.
पहले के शोध में बताया गया था कि बुजुर्गों और मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों की कोविड-19 के कारण मौत होने का ज्यादा खतरा है. फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक नये अध्ययन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिंग भेद का परीक्षण किया गया है.
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अध्ययन में चीन के बीजिंग तोंगरेन अस्पताल के जिन क्यई समेत वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों की प्रवृत्ति का मूल्यांकन किया. यांग ने कहा कि पहले जनवरी में हमने देखा था कि कोविड-19 से मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में ज्यादा लगती है. उन्होंने कहा कि इससे सवाल उठा कि क्या पुरुष कोविड-19 संक्रमण लगने या मरने को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं? हमने पाया कि किसी ने भी कोविड-19 के मरीजों के लिंग-भेद काम नहीं किया, इसलिए हमने इसपर अध्ययन शुरू किया.
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अब भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है कि कुछ लोग वायरस से अधिक गंभीर रूप से क्यों प्रभावित होते हैं? गंभीर रूप से बीमार मरीजों की निगरानी के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि बुजुर्ग पुरुषों या पहले से किसी बीमारी से पीड़ित को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत हो सकती है. यांग और उनकी टीम ने यह देखने के लिए कई मरीजों के डेटासेटों का विश्लेषण किया कि क्या पुरुष और महिला द्वारा कोरोना वायरस पर प्रतिक्रिया देने में कोई अंतर है? इस में 43 मरीजों की जानकारियां थी जिनका डॉक्टरों ने खुद इलाज किया था. साथ में कोरोना वायरस के 1056 मरीजों की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारियां भी थी.
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में उल्लेख किया कि कोविड-19 रोगियों में, बुजुर्ग लोगों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों में इसका गंभीर असर होता है और उनकी मौत की आंशका अधिक होती है. उन्होंने कहा कि संक्रमित पुरुषों और महिलाओं की उम्र और संख्या समान थी, लेकिन पुरुषों को अधिक गंभीर बीमारी हुई. वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि मरने वाले 70 प्रतिशत से अधिक मरीज पुरुष थे, जिसका मतलब है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में मृत्यु दर लगभग 2.5 गुना हो सकती है.
उन्होंने कहा कि पुरुष की भले ही उम्र कोई भी हो लेकिन पुरुष होने की वजह से उसे वायरस के कारण गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक है. शोधकर्ताओं ने 2003 में फैले एसएआरएस के आंकडों से भी यही प्रवृत्ति पाई और उसमें महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मृत्यु दर ज्यादा थी। यांग और उनकी टीम ने बताया कि एसएआरएस और कोविड-19, दोनो में एसीई2 का स्तर पुरुषों और हृदय तथा मधुमेह की बीमारी से पीड़ित मरीजों में ज्यादा था. एसीई2 एक प्रोटीन होता है जो संक्रामक हमले में शामिल होता है.
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह निर्धारित करने के लिए आगे शोध की आवश्यकता है कि कोविड -19 से महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक प्रभावित क्यों होते हैं? उन्होंने कहा कि परिणामों की पुष्टि करने के लिए बड़े अध्ययन की जरूरत है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.