देश में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामले ने चिंता बढ़ा दी है. एक्सपर्ट का कहना है कि JN.1 स्ट्रेन पहले के वैरिएंट्स से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है. बता दें, भारत में केरल से JN.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था. कई जानकारों का मानना है कि भारत में एक बार फिर कोरोना अपने पैर पसार रहा है. भारत में शुक्रवार को पिछले 24 घंटों में 640 नए कोविड मामले दर्ज किए गए. जिसके बाद एक्टिव केस की संख्या 2,997 हो गई.
केरल में एक मौत के साथ कुल मृतको की संख्या 5,33,328 पहुंच चुकी है. देश में कोविड मामलों की संख्या 4.5 करोड़ है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए कोविड-19 का आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.
JN.1 सब-वेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्ज़मबर्ग में हुई थी और तब से यह कई देशों में फैल रहा है. रिपोर्टों के अनुसार, यह पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) का वंशज है, जो ओमिक्रॉन का एक उप वेरिएंट है. पिरोला और नए वैरिएंट के बीच केवल एक बदलाव है और वह स्पाइक प्रोटीन में है. इसके स्पाइक प्रोटीन में कई अनोखे उत्परिवर्तन हैं, जो इसे और अधिक विषैला बनाते हैं. यह अब अन्य ओमिक्रॉन उप-प्रकारों की तुलना में अधिक मजबूती से हमारी कोशिकाओं से जुड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अतिरिक्त उत्परिवर्तन वायरस को तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम बनाता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह अधिक प्रतिरक्षा प्रतिरोधी होता है. नवंबर में WHO वैज्ञानिकों द्वारा इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में पहचाना गया. JN.1 संस्करण संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और सिंगापुर में भी रिपोर्ट किया गया है.
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जेएन.1 संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुमानित 15 प्रतिशत से 29 प्रतिशत मामलों का प्रतिनिधित्व करता है. यद्यपि संक्रामकता और संचरणशीलता में वृद्धि हुई है, जेएन.1 के लक्षण अपेक्षाकृत हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की कोई खबर नहीं है. जहां मरीज घर पर ठीक हो रहे हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि वायरस तेजी से फैलता है और इसलिए इसे आगे फैलने से रोकने के लिए समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है. साथ ही, निकट भविष्य में वायरस कैसे फैलता है, इससे हमें इसके स्पष्ट लक्षणों का बेहतर अंदाजा हो जाएगा. JN.1 से संक्रमितों मरीजों की कई राज्यों में पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में अगर यह लक्षण दिखें तो तुरंत हो जाएं सावधान.
इसके लक्षणों में बुखार के साथ गले में खराश हो तो सावधान हो जाएं और जल्द से जल्द किसी चिकित्सक से सलाह लें. इसके अलावा थकान, नाक बहना, सिर दर्द, खांसी, कंजेशन जैसे लक्षण दिखाई दे तो इसे अनदेखा न करें. तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें.
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यूके की हेल्थ सेक्यूरिटी एजेंसी और Office for National Statistics ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों में कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें कहा गया है कि ठंड के मौसम की वजह से कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. यही नहीं छोटे दिन और सर्दी के मौसम में बढ़ते मेलजोल की वजह भी इसके प्रसार का एक कारक हो सकता है.
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इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि घबराने या चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अधिकारी और सरकार वायरस पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं. कुछ राज्यों और जिला प्रशासनों ने गाइडलाईन जारी की है, जिसमें लोगों से मास्क पहनने और त्योहारी सीजन के दौरान बाहर निकलने से बचने का आग्रह किया गया है.
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