Asli Nakli Jeera Ki Pehchan, Cumin Benefits Side Effects, Health News: आपके रसोई में मौजूद कई मसाले ऐसे हैं जो सेहत के लिहाज से बेहद लाभकारी है. लेकिन, आजकल ये सभी दूषित हो चुके है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि खाद्य पदार्थों में मिलावट आम हो गई है. आप सेहत वर्धक जिसे समझ कर खा रहे वही आपके सेहत को हानि पहुंचा रहे है. कुछ ऐसा ही हाल है जीरा का. कई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फूल झाड़ू के घास से बने जीरे को मार्केट में बेचा जा रहा है. ऐसे में इसे खरीदते समय आपको विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है. आइए जानते हैं कैसे करें असली जीरे की कैसे करें पहचान, कैसे हो रहा मिलावट, क्या है असली जीरे के फायदे…
भारतीय व्यंजन में जीरे का प्रयोग स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह खाने को सुगंधित के साथ-साथ स्वादिष्ट बना देता है. इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट, फाइबर, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, मैगनीज, कैल्शियम, जिंक, मैगनीशियम, विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे कई विटामिन्स और मिनरल्स व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं.
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इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट की मात्रा पायी जाती है जो सूजन को कम करके मांसपेशियों को राहत दिलाता है.
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यह सिकनेस से राहत दिलाता है
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पेट या पाचन क्रिया से संबंधित रोगों को आसानी से ठीक करने में मददगार है
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महिलाओं के पीरियड्स में होने वाले दर्द, कब्ज जैसी तकलीफों से राह दिलाता है
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अनीमिया रोग में लाभदायक है.
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अच्छी नींद लाकर थकान और तनाव को कम करने में लाभकारी है
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आयरन और कैल्शियम से भरपूर होने के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी है.
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बॉडी से फैट और बैड कॉलेस्ट्रोल कम करने में लाभकारी है
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हड्डियों को मजबूत करता है. ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से लड़ने में मददगार है.
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यादाश्त बढ़ाने में भी फायदेमंद है
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शुगर के मरीजों भी जीरे का सेवन कर सकते हैं.
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने नकली जीरा बनाने वाली कंपनी का भांडाफोड़ा था. दरअसल, फूल झाडू़ के घास का उपयोग कर वजन जीरे के तौल का वजन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. एक रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली पुलिस ने जीरा बनाने की नकली फैक्ट्री पर छापे मारकर 20 हजार किलो नकली माल और आठ हजार किलो कच्चा माल जब्त किया था. इसका मास्टरमाइंड यूपी के शाहजहांपुर शहर का था.
नदियों के किनारे उगने वाली जंगली घासों से फूल झाडू बनाए जाते है और खबरों की मानें तो इन्हीं घासों का उपयोग करके काले जीरे भी बनाए जा रहे है. दरअसल, फूल झाडू के ये घास देखने में बिल्कुल जीरे के तरह ही होते है.
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सबसे पहले इन जंगली घासों की पत्तियों को गुड़ के पानी में मिला लिया जाता है.
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इसे सुखाते ही यह जीरे की तरह दिखने लगता है.
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घास का रंग जीरे जैसे होते ही इसे पत्थर के बने पाउडर में डाल दिया जाता है
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इसके बाद इसे छलनी से छान लिया जाता है
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इसके अलावा इसमें स्लरी पाउडर भी मिलाया जाता है ताकि इसका रंग ठीक जीरे की तरह ही आ जाए.
जीरे का असली भाव है 280-300 रुपये प्रति किलो. लेकिन, कई बार नकली जीरे को 100 से 16 रुपये किलो में भी बेचा जाता है.
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नकली जीरा हमारी इम्यूनिटी को कर सकता है कमजोर,
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इसके सेवन से स्टोन की समस्या हो सकती है
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साथ ही साथ त्वचा संबंधी रोग भी होने की प्रबल संभावना होती है.
यदि असली और नकली जीरे में अंतर पहचानान है तो आपको सबसे पहले एक कटोरी में पानी लेकर जीरे को उसमें डालना होगा.
यदि आपके द्वारा लाया गया जीरा रंग छोड़ने लगे तो समझ लिजिए आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है
इसके अलावा आपके जीरे में यदि खुशबू नहीं आ रही है तो भी यह नकली हो सकता है
नोट: आपको बता दें कि ओनलीमाईहेल्थ के वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के आधार पर यह स्टोरी है.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.