Daily Exercise for Healthy Lungs: फेफड़े की तंदुरुस्ती के लिए रोज करें ये 5 आसान
फेफड़ों की तंदुरुस्ती के लिए रोजाना कुछ आसान व्यायाम करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। इस लेख में जानें 5 ऐसे सरल एक्सरसाइज जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगी
Daily Exercise for Healthy Lungs: फेफड़ों को स्वस्थ रखना समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, खासकर आज के माहौल में जहां प्रदूषण, गतिहीन जीवनशैली और श्वसन संबंधी बीमारियां आम होती जा रही हैं. अपनी दिनचर्या में सरल व्यायाम शामिल करने से फेफड़ों की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है, श्वसन क्रिया को बढ़ावा मिल सकता है और आपका समग्र स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है.
इस लेख में, हम पांच आसान व्यायामों के बारे में जानेंगे जिन्हें आप अपने फेफड़ों को मज़बूत, लचीला और बेहतर तरीके से काम करने के लिए हर दिन कर सकते हैं.
सूर्य नमस्कार की पहली क्रिया
इस क्रिया में आप गहरी लंबी सास को भरते हुये धीरे-धीरे दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाए और इसी मुद्रा में रोकते हुए 8-10 बार सास ले और छोड़े.फिर सास छोड़ते हुए सीधे खड़े हो जाए.इस क्रिया को 5-7 बार दोहराए.
उदर, पसलियां फेफड़ों और कमर वाले हिस्सों को इस आसन से लाभ मिलता है. इम्यूनिटी भी बदती है.है. थाइरॉइड में भी लाभ मिलता है, आवाज भी अच्छी होती है.
सूर्य नमस्कार की छठी क्रिया
पेट के बल लेट जाए और फिर सास को भरते हुए सिर को ऊपर की ओर उठाएं. इसी स्थितही में सास को 8-10 सेकंड तक रोकने का प्रयास करें. फिर सास छोड़ते हुए सामान्य हो जाए.
इस आसान से फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है, और साथ ही कमर से लेकर गर्दन तक की माशपेशियों को आराम मिलता है.
सूर्य भेदी प्राणायाम
चित्र अनुसार बैठकर बाई नाक को बंद करें फिर दाएं आंख से सांस ले पेट और सीने को फुलायें.जितना हो सके सास को रोकने की कोशिश करें फिर इस नाक से सांस को धीरे-धीरे छोड़ें इसे 10 से 15 बार करें इम्यूनिटी और पाचन अच्छा होता है.
नोट- बीपी के मरीज इस आसन को ना करें.
ताड़ासन
लंबी सास भरते हुए सीने और पेट का को फुलाते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाए फिर पैरों की एड़ियों को भी ऊपर की ओर उठाएं. इसी मुद्रा में करीब 8 से 10 सेकंड तक सांस रोकने की कोशिश करें ऐसा काम से कम 5 से 7 बार करें इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है.श्वसन प्रकोष्ठक खुलती वह इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ता है.
सिंघासन
चित्रानुसार मुद्रा बनायें. घहरी सास भरते हुए जीभ बाहर निकाले. आखों और मुह को पूरा खोले और सिंह की तरह गले से शेर की दहाड़ निकालने की कोशिश करें. फिर नाक से सास ले और यहीं क्रिया 8-10 बार दोहराएं.
इस आसन को करने से श्वसन नालियों की शुद्धि होती है, कार्यक्षमता बढ़ती है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.