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Dangal Actor Suhani Bhatnagar: डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी ज्यादातर महिलाओं को बनाती है शिकार, एक्सपर्ट से जानें लक्षण और इलाज

Dangal Actor Suhani Bhatnagar: फिल्म 'दंगल' में छोटी बबीता का रोल निभाने वाली सुहानी भटनागर का निधन डर्मेटोमायोसाइटिस के कारण हुआ है. चलिए जानते हैं डर्मेटोलॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर नेहा रानी से डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण,  इलाज आदि के बारे में....

By Shweta Pandey | February 19, 2024 5:57 PM
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Dangal Actor Suhani Bhatnagar: फिल्म ‘दंगल’ में छोटी बबीता का रोल निभाने वाली सुहानी भटनागर का निधन हो गया है. सिर्फ 19 साल की उम्र में ‘दंगल गर्ल’ सुहानी की मौत डर्मेटोमायोसाइटिस नामक एक दुर्लभ और खतरनाक बीमारी से हो गई. डर्मेटोमायोसाइटिस के कारण मांसपेशियों में सूजन के साथ-साथ शरीर में लाल चकत्ते भी हो जाते हैं. जो धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेते हैं. चलिए जानते हैं डर्मेटोलॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर नेहा रानी से डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण,  इलाज आदि के बारे में….

डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण

डर्मेटोमायोसाइटिस एक दुर्लभ बीमारी है. यह बीमारी वैसे कम उम्र के बच्चों को नहीं होता है. आमतौर पर यह 40 से 50 साल के लोगों में देखा गया है. डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण सबसे अधिक महिलाओं में दिखा गया है. यह बीमारी एक करोड़ लोगों में 3 से 4 प्रतिशत लोग में ही देखने को मिलता है. यह बहुत ही रेयर बीमारी है. सबसे पहले डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण मसल्स में देखने को मिलता है. जिससे मरीज को हाथ से कंघी करना, हाथ उठाकर कोई भी काम करने में दिक्कत होती है. यहीं डर्मेटोमायोसाइटिस की सबसे शुरुआती लक्षण है. इसके अलावा डर्मेटोमायोसाइटिस के मरीज को बैठकर फिर उठने में दिक्कत होती है. यह बीमारी धीरे-धीरे इस कदर मरीज में फैल जाता है कि उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. पाचन तंत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. त्वचा पर चकत्ते पड़ने लगते हैं. धूप में जाने पर एलर्जी होने लगती है. शरीर के कुछ हिस्सों पर कालापन आने लगता है. चेहरा, गला और हाथ पर धीरे-धीरे कालापन आने लगता है. शरीर में खुजली होने लगती है. बाल झड़ने लगते हैं. हाथों के छोटे ज्वाइंट्स में दर्द होने लगते हैं.

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डर्मेटोमायोसाइटिस का इलाज…

डर्मेटोमायोसाइटिस के मरीज के इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को रोकना होता है. इसके लिए स्टेरॉयड देना होता है. जो एंटीबॉडी को बनने से रोकता है और शरीर के सिस्टम को खराब होने से रोकता है. डर्मेटोमायोसाइटिस के मरीज को बीच-बीच में चेक किया जाता है कि उसे शुगर नहीं होना चाहिए. बता दें डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक है.

दुनिया में डर्मेटोमायोसाइटिस के मरीजों की संख्या

Orphan.Net के अनुसार, बात करें आंकड़ों की तो हर 10 हजार से 50 हजार लोगों में इसका एक मरीज पाया जाता है और एक लाख लोगों में किसी एक व्यक्ति को डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी होने की संभावना होती है. यह बीमारी पुरुषों के अपेक्षा महिलाओं में होने की ज्यादा उम्मीद होती है. हर तीन मरीज में दो मरीज महिलाएं ही हैं.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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