Delta plus Variant : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) का खतरा मंडरा रहा है जिसे देखते हुए सूबे में तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है. ये तीसरी लहर कोरोना वायरस के नए प्रकार ‘डेल्टा प्लस’ की वजह से आ सकती है. राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बुधवार को एक बैठक की और संभावित तीसरी लहर के लिए पर्याप्त मेडिकल सप्लाई रखने के निर्देश देने का काम किया.
इस बैठक में सूबे के कोविड टास्क फोर्स के अधिकारी और डॉक्टर्स शामिल थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस दौरान ग्रामीण इलाकों में दवाओं की व्यवस्थाओं पर भी जोर दिया है. वहीं डॉक्टर्स ने बड़े स्तर पर प्रदेश में सीरो सर्व कराए जाने की बात पर जोर दिया. इससे लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर और वैक्सीनेशन की जानकारी मिल सकेगी. कई जानकारों ने भीड़ लगाने और स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी करने को लेकर भी चेतावनी देने का काम किया है.
1. कोरोना वायरस का अति संक्रामक ‘डेल्टा’ प्रकार उत्परिवर्तित होकर ‘डेल्टा प्लस’ या ‘एवाई.1′ बन चुका है
2. भारत में अभी इसे लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं.
3. वैज्ञानिकों की मानें तो ‘डेल्टा प्लस’ प्रकार, वायरस के डेल्टा या ‘बी1.617.2′ प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था.
4. वैज्ञानिकों ने कहा है कि हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है, डेल्टा प्लस उस ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल’ उपचार का रोधी है जिसे कुछ दिन पहले ही में भारत में स्वीकृति मिली है.
5. दिल्ली स्थित सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने रविवार को अपने ट्विटर वॉल् पर लिखा कि के417एन उत्परिवर्तन के कारण बी1.617.2 प्रकार बना है जिसे एवाई.1 के नाम से भी जाना जाता है.
6. वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने कहा कि यह उत्परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में सहायता करता है.
7. स्कारिया ने ट्विटर पर लिखा कि भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है. यह सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं.
8. स्कारिया ने यह भी कहा कि उत्परिवर्तन, वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता से भी संबंधित हो सकता है.
9. वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता विशेषज्ञ विनीता बल ने कहा कि हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण ‘एंटीबाडी कॉकटेल’ के प्रयोग को झटका लगा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस अधिक संक्रामक है या इससे बीमारी और ज्यादा घातक हो जाएगी.
10. भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे में अतिथि शिक्षक बल ने जानकारी दी कि यह नया प्रकार कितना संक्रामक है यह इसके तेजी से फैलने की क्षमता को परखने में अहम होगा या इसका उलट भी हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि नए प्रकार से संक्रमित किसी व्यक्ति में रोगाणुओं से कोशिकाओं का बचाव करने वाले एंटीबाडी की गुणवत्ता और संख्या उत्परिवर्तन के कारण प्रभावित होने की आशंका नहीं है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.