नये मामले सामने आ रहे हैं. वैसे भी हमारे देश में बरसात के समय से लेकर मध्य नवंबर तक डेंगू का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है. कुछ बातों का ध्यान रख कर आप इससे बच सकते हैं. डेंगू को मेडिकल टर्म में ब्रेकबोन फीवर या हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. यह मादा एडीज मच्छर के काटने पर फ्लेवि डेंगू वायरस के फैलने से होता है, जो चार प्रकार के होते हैं. डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे खतरनाक होने से रोका जा सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम डेंगू के लक्षणों को कैसे पहचानें, घर पर क्या उपाय कर सकते हैं, डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए व इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है.
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डेंगू कभी भी एक शख्स से दूसरे के संपर्क में आने से नहीं फैलता.
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हां, अगर किसी को डेंगू हो गया है और उसे काटने के बाद मच्छर ने दूसरे शख्स को भी काट लिया, तो दूसरे शख्स को डेंगू होने का खतरा जरूर होगा, इसलिए जब भी किसी को डेंगू हो, तो मच्छरदानी में ही सुलाएं
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आप मच्छर भगाने के लिए मॉस्कीटो रिपेलेंट जैसे- स्प्रे, कॉइल्स आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि मच्छर घर के अन्य सदस्यों को बीमार न करें.
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मच्छरदानी लगाकर ही सोएं. अभी डेंगू के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, तो लापरवाही न करें.
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घर में या घर के आसपास गड्ढों, कंटेनरों, कूलरों आदि में पानी भरा हो और घास-फूस, गंदगी जमा हो तो इससे मच्छर पनपने की पूरी गुंजाइश होती है. ऐसी कोई भी जगह खाली न छोड़ें. कहीं भी पानी जमा न होने दें. गमले घर में हों या बाहर, पानी जमा न होने दें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.