डॉ राजेश शर्मा,
कार्डियोथोरेसिक सर्जन, फरीदाबाद
पिछले दिनों खबर आयी कि गुजरात में गरबा के दौरान 10 लोगों की हार्ट अटैक/कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गयी. इनमें 13 व 17 वर्षीय किशोर भी शामिल थे. विशेषज्ञ भी इतनी कम उम्र में अचानक हुई मौत से हैरान हैं. विशेषज्ञों की मानें तो 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते कई बच्चों की हार्ट आर्टरीज में ब्लॉक बनना शुरू हो जाता है. ऐसे में पैरेंट्स को सजग रहने की जरूरत है.
घर पर बना खाना खाने की आदत डालें. कलरफुल रेनबो डायट बनाएं. ध्यान रखें कि बच्चे के आहार में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स-मिनरल्स से भरपूर चीजें शामिल हों. फल-सब्जियां, दाल, दूध और दूध से बने पदार्थ ज्यादा-से-ज्यादा खाने के लिए दें. स्कूल टिफिन में भी घर में बनी पौष्टिक चीजें दें. हाइड्रेशन का भी ध्यान रखें.
चीनी, नमक, मैदा व रिफाइंड ऑयल. इनसे वजन बढ़ने और कई बीमारियां होने का खतरा रहता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, रोजाना 15-20 ग्राम से अधिक चीनी बच्चों के लिए नुकसानदेय है. खासकर, टॉफी-चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, शेक, जूस जैसी चीजों से यथासंभव दूरी बना कर चलें.
आमतौर पर बच्चे सबसे अधिक अपने माता-पिता को फॉलो करते हैं. ऐसे में आपकी गलत आदतें बच्चे भी सीख लेते हैं. इस स्थिति में अपनी गलत आदतों को सुधारें. यदि आप स्मोकिंग करते हैं या शराब का सेवन करते हैं, तो घर में इसे लेना अवॉयड करें. अगर छोड़ सकें तो सबसे अच्छा. इससे एक तो बच्चा पैसिव स्मोकिंग की चपेट में नहीं आयेगा. दूसरा आगे चलकर इनके आदी होने और विभिन्न बीमारियों से बचा रहेगा.
ज्यादा देर तक बच्चों को टीवी प्रोग्राम्स या मोबाइल पर गेम्स न खेलने दें. मानसिक रूप से जुड़ जाने पर वे दीन-दुनिया भूल जाते हैं और घंटों बैठे रहते हैं. स्क्रीन टाइम कम करने के लिए उनकी रुचि के हिसाब से दूसरी एक्टिविटीज करने के लिए प्रोत्साहित करें. तरह-तरह के खिलौने, पजल्स, हॉबीज की चीजें लाकर दें.
बचपन से ही बच्चों को पार्क लेकर जरूर जाएं. दूसरे बच्चों के साथ खेलने, ग्रुप एक्टिविटीज करने के लिए मोटिवेट करें. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के हिसाब से बच्चे का रोजाना कम-से-कम 3-4 घंटे एक्टिव रहना जरूरी है. फिजिकल एक्टिविटीज करने पर बच्चे का एनर्जी लेवल मेंटेन रहेगा, मोटापा नहीं बढ़ेगा, दिल की कसरत होगी और वह स्वस्थ रहेगा.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.